रायपुर वॉच

कलेक्टर कॉन्फ्रेंस में सीएम साय के निर्देश: अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे योजनाओं का लाभ

Share this

अधिकारियों द्वारा आम जनता और स्कूली छात्राओं से दुर्व्यवहार पर जताई नाराजगी

रायपुर । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में 12 सितंबर को राजधानी के न्यू सर्किट हाउस में दो दिवसीय कलेक्टर कॉन्फ्रेंस की शुरुआत हुई। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के विकास और शासन की योजनाओं को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए कलेक्टरों को विशेष निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते 9 महीने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की गारंटी के अनुरूप प्रदेश को सवारने की दिशा में अहम कदम उठाए गए हैं, लेकिन विकसित छत्तीसगढ़ की परिकल्पना को साकार करने के लिए और कठिन परिश्रम की आवश्यकता है।

मुख्यमंत्री ने कलेक्टरों से कहा कि राज्य की सभी फ्लैगशिप योजनाओं को पूरी पारदर्शिता के साथ लागू किया जाए और सैचुरेशन के लक्ष्य को ध्यान में रखकर कार्य किया जाए। साथ ही, उन्होंने कहा कि प्रशासन की संवेदनशीलता और सहृदयता से आम जनता की समस्याओं का जल्द से जल्द समाधान हो।

अधिकारियों की भाषा शैली पर विशेष जोर
विष्णु देव साय ने अधिकारियों द्वारा आम जनता और स्कूली छात्राओं से दुर्व्यवहार की घटनाओं पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कलेक्टरों को निर्देश दिया कि प्रशासनिक अधिकारियों की भाषा और व्यवहार संयमित और मर्यादित होनी चाहिए। यदि किसी अधिकारी द्वारा लापरवाही या दुर्व्यवहार किया जाता है, तो उन पर तुरंत सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

सार्वजनिक सेवाओं में सुधार की अपील
मुख्यमंत्री ने स्थानीय स्तर पर समस्याओं के समाधान पर जोर देते हुए कहा कि छोटी समस्याओं के लिए आम जनता को राजधानी आने की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए। जनप्रतिनिधियों द्वारा ध्यान में लाई गई समस्याओं का त्वरित समाधान होना चाहिए। उन्होंने राजस्व विभाग की समीक्षा के दौरान कहा कि यह विभाग आम लोगों और किसानों के जीवन में अहम भूमिका निभाता है, इसलिए राजस्व मामलों का निराकरण जल्द से जल्द किया जाना चाहिए।

मुख्यमंत्री ने सारंगढ़-बिलाईगढ़, बस्तर, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई जिले में राजस्व मामलों के निराकरण की धीमी गति पर अप्रसन्नता जताई। उन्होंने जिलेवार कलेक्टरों से अविवादित और विवादित नामांतरण, खाता विभाजन, सीमांकन, त्रुटि सुधार, डायवर्सन, असर्वेक्षित ग्रामों की जानकारी, नक्शा बटांकन की जानकारी ली।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्व प्रकरणों के निराकरण में ऐसे जिले जिनकी प्रगति 70 प्रतिशत से कम है, उन्हें इस मामले में ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है। विवादित बटवारा के प्रकरण 6 माह से ज्यादा लंबित न हो। सीमांकन के प्रकरणों को भी तेजी से निराकृत किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री ने सभी कमिश्नरों को अधीनस्थ जिलों का नियमित दौरा कर राजस्व प्रकरणों के निराकरण की स्थिति की समीक्षा करने के भी निर्देश दिए।

प्रधानमंत्री आवास योजना की प्रगति की समीक्षा
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा छत्तीसगढ़ को 8 लाख 46 हजार 931 आवासों की स्वीकृति दी गई है, जो राज्य की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं में से एक है। उन्होंने संबंधित विभागों से कहा कि इस पर तेजी से काम किया जाए ताकि सभी जरूरतमंदों को लाभ मिल सके।

स्वास्थ्य, शिक्षा, और अन्य प्रमुख योजनाओं पर निर्देश

स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने गरियाबंद जिले के सूपेबेड़ा में किडनी रोग की रोकथाम के लिए विशेष उपाय करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने सभी जिलों में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय डायलिसिस कार्यक्रम और आयुष्मान योजना के 100% पंजीकरण की सुनिश्चितता पर जोर दिया। उन्होंने टीबी उन्मूलन के प्रयासों की भी समीक्षा की और इस दिशा में बेहतर परिणाम देने वाले जिलों की सराहना की।

शिक्षा के क्षेत्र में सरस्वती सायकल योजना में देरी पर नाराजगी जाहिर करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि साइकिल का वितरण शैक्षणिक सत्र के आरंभ में ही हो।

अंत में मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल विकास विभाग की समीक्षा करते हुए महतारी वंदन योजना को राज्य की प्रमुख योजनाओं में से एक बताया और कुपोषण उन्मूलन के लिए विशेष प्रयास करने की आवश्यकता पर बल दिया।

इस महत्वपूर्ण बैठक में राज्य के मुख्य सचिव अमिताभ जैन सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।

 

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *