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श्रीकृष्ण की दिव्य शक्तियों से सम्पन्न बनना है: निखिल गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाई गई जन्माष्टमी

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श्रीकृष्ण की दिव्य शक्तियों से सम्पन्न बनना है: निखिल
गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाई गई जन्माष्टमी

बिलासपुर : गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस वर्ष श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व अद्वितीय भव्यता और श्रद्धा के साथ मनाया गया। स्वामी विवेकानंद छात्रावास में छात्रों ने नंदलाला के जन्मोत्सव को बड़े ही उत्साह के साथ मनाया, जिससे पूरा परिसर कृष्णमय हो उठा। छात्रावास को रंग-बिरंगी लाइटिंग और पारंपरिक सजावट से भव्य रूप में सजाया गया था। भगवान श्री कृष्ण के जीवन से जुड़ी विभिन्न झांकियों ने सभी का ध्यान आकर्षित किया, जो भगवान के बाल-लीलाओं से लेकर महाभारत के युद्ध तक की कहानियों को जीवंत करती नजर आईं। पारंपरिक वेशभूषा में सजे-धजे छात्र-छात्राओं ने भजन गाकर माहौल को और भी आध्यात्मिक बना दिया। इस आयोजन का मुख्य आकर्षण भगवान श्री कृष्ण की जीवनगाथा पर आधारित झांकियां थीं, जिन्होंने न केवल दर्शकों का मन मोह लिया बल्कि उन्हें श्री कृष्ण के जीवन के गूढ़ संदेशों से भी परिचित कराया। परिसर में व्याप्त भक्ति और उल्लास की भावना ने इसे एक यादगार आयोजन बना दिया।

इस अवसर पर पत्रकारिता विभाग के छात्र निखिल मिश्रा शिवा ने अपने विचार साझा करते हुए कहा, “श्री कृष्ण सर्वांग सुंदर, सोलह कला संपन्न, और सम्पूर्ण निर्विकारी थे। उनकी शिक्षाएं हमें यह सिखाती हैं कि हमें भी उनके समान दिव्य शक्तियों से सम्पन्न बनने का प्रयास करना चाहिए। यही श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का सच्चा संदेश है।” गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस तरह के आयोजन यह दर्शाते हैं कि यहाँ के छात्र-छात्राएं भारतीय संस्कृति और परंपराओं के प्रति गहरी निष्ठा रखते हैं। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी विश्वविद्यालय के छात्रावास में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया गया, जिससे भारतीय सांस्कृतिक विरासत की एक झलक प्रदर्शित हुई।

इस आयोजन में शुभम पाठक, विशाल वैरागी, अंकित, अमित, पवन, राजीव, अविनाश, ऋषभ, आकाश, कुशल, वंश, और अभिनव जैसे छात्रों की सक्रिय भागीदारी रही। यह आयोजन केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं था, बल्कि इसके माध्यम से छात्रों ने सांस्कृतिक धरोहर, एकजुटता, और समर्पण का भी संदेश दिया। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय में इस अनूठे और भव्य आयोजन की गूंज लंबे समय तक सुनाई देती रहेगी।

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