अचानकमार टाइगर रिजर्व

अचानकमार टाइगर रिजर्व में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से एक बाघ और दो बाघिन लाए जाएंगे,लाने से पहले प्रबंधन ने विशेष बाड़ा तैयार किया

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अचानकमार टाइगर रिजर्व में महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश से एक बाघ और दो बाघिन लाए जाएंगे,लाने से पहले प्रबंधन ने विशेष बाड़ा तैयार किया

बिलासपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व में बाघों कुनबा बढ़ाने के लिए प्रबंधन द्वारा एक सार्थक प्रयास किया जा रहा है। इस पुनर्स्थापना योजना के अंतर्गत महाराष्ट्र व मध्य प्रदेश से एक बाघ और दो बाघिन लाए जाएंगे। इनको लाने से पहले प्रबंधन ने विशेष बाड़ा तैयार किया है। लगभग दो किमी की दायरे में दो बाड़ा बनाया गया है।एक बाघ के लिए और दूसरा चीतलों के लिए। बाड़े की फेंसिंग भी की गई है। परंतु हाथियों द्वारा इस बार-बार क्षतिग्रस्त किया जा रहा है यह प्रबंधन के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस समस्या को डब्ल्यूडब्ल्यूएफ इंडिया ने न केवल महसूस किया। बल्कि इसे दूर करने के लिए सोलर फेंसिंग लगाने की योजना बनाई।सोलर फेंसिंग के कारण हाथी इसे क्षतिग्रस्त नहीं कर पाएंगे। दरअसल जैसे ही फेंसिंग को क्षतिग्रस्त करने का प्रयास करेंगे, हल्का झटका लगेगा। जिससे वह इसके नजदीक नहीं जा पाएंगे। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ द्वारा फेंसिंग के लिए जरुरी सभी उपकरण टाइगर रिजर्व प्रबंधन को उपलब्ध करा दिए हैं। जल्द ही इसे लगाने का कार्य प्रारंभ होगा। बरसात के बाद बाघों को एटीआर लाया जा सकता है। बाड़े में कुछ दिन बाघों को रखने के बाद एटीआर के जंगल में छोड़ दिया जाएगा।इसमें 30 लाख रुपये खर्च किए गए हैं। बाड़े के अंदर पानी से लेकर सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं।

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