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वरिष्ठ आरक्षकों को नवीन न्याय संहिता में दक्ष बनाने आयोजित की गई पांच दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन. पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा – यह पहल न्याय प्रकिया को पारदर्शी बनाने मे करेगी मदद

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वरिष्ठ आरक्षकों को नवीन न्याय संहिता में दक्ष बनाने आयोजित की गई पांच दिवसीय कार्यशाला का हुआ समापन. पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह ने कहा – यह पहल न्याय प्रकिया को पारदर्शी बनाने मे करेगी मदद

बिलासपुर।छत्तीसगढ़ शासन, गृह विभाग द्वारा अधिसूचित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 के प्रावधानों के अंतर्गत, 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके एवं क्रमोन्नति प्राप्त कर वेतन मैट्रिक्स 6 लेवल प्राप्त कर रहे वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया गया है। इसी क्रम में पुलिस अधीक्षक बिलासपुर  रजनेश सिंह (भापुसे) द्वारा एक अभिनव पहल करते हुए विवेचना के अधिकार देने से पूर्व सभी वरिष्ठ आरक्षकों को प्रशिक्षण प्रदाय किया गया। इस संदर्भ में प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी श्रीमती अर्चना झा , अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ग्रामीण के नेतृत्व में दिनांक, 29 जुलाई 2024 से 2 अगस्त 2024 तक 5 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशालाओं का आयोजन पुलिस लाइन स्थित अरपा सभाभवन में किया गया।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन नगर पुलिस अधीक्षक पूजा कुमार (सिटी कोतवाली), उमेश प्रसाद गुप्ता (सिविल लाइन), निमितेश सिंह (चकरभाठा),  सिद्धार्थ बघेल (सरकण्डा) एवं  उदयन बेहार (उप पुलिस अधीक्षक, मुख्यालय) के पर्यवेक्षण में सम्पन्न हुआ। जिले के थाना प्रभारीगण, जिन्हें पूर्व में ही नवीन कानूनों का विस्तृत प्रशिक्षण दिया जा चुका था, ट्रेनर की भूमिका में थे।

पुलिस अधीक्षक बिलासपुर  रजनेश सिंह ने इस पूरे प्रशिक्षण कार्यक्रम की मॉनिटरिंग स्वयं की और प्रशिक्षण के गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया। तथा प्रतिदिन उपस्थित होकर सभी वरिष्ठ आरक्षकों को मार्गदर्शन देकर उनका मनोबल बढ़ाया।

उप पुलिस अधीक्षक (IUCAW) अनिता प्रभा मिंज एवं सुश्री अंजना केरकेट्टा ने महिला संबंधी अपराध एवं मिथ्या साक्ष्य संबंधी मामलों में विवेचना का प्रशिक्षण दिया। श्री हरीश तांडेकर एवं प्रदीप आर्या ने मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले मामलों में प्रशिक्षण दिया, जबकि  विजय चौधरी एवं किशोर केंवट ने लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध एवं लोक सेवकों द्वारा किये गए अपराध के मामलों में प्रशिक्षण प्रदान किया।  तोपसिंह नवरंग एवं  नवीन देवांगन ने लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा आदि पर प्रभाव डालने वाले अपराधों के संबंध में, तथा  राहुल तिवारी एवं  नरेश चौहान ने संपत्ति के विरुद्ध अपराधों के मामलों में विवेचना का प्रशिक्षण दिया।

प्रशिक्षण उपरांत, सभी आरक्षकों के लिए लिखित परीक्षा भी आयोजित की गई ताकि इस प्रशिक्षण से अर्जित ज्ञान का परीक्षण किया जा सके। इस लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवीणता को ध्यान में रखते हुए आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया जाएगा।

इस अभिनव पहल का मुख्य उद्देश्य पुलिस विभाग में विवेचना की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर बनाए रखना है। भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धाराओं के अंतर्गत पंजीबद्ध अपराधों में विवेचना का अधिकार प्राप्त करने वाले आरक्षक न केवल अपने ज्ञान को विस्तार देंगे बल्कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।

बिलासपुर पुलिस अधीक्षक श्री रजनेश सिंह ने कहा, “इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे आरक्षकों को नवीन कानूनों के तहत विवेचना करने के अधिकार प्रदाय करने से पूर्व उनको दक्ष करना है। यह पहल न केवल हमारी पुलिस बल की दक्षता को बढ़ाएगी बल्कि न्याय प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाएगी तथा पेंडेंसी को भी कम करेगी।”

इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में राजपत्रित अधिकारियों एवं ट्रेनरों का विशेष योगदान रहा है। उनके द्वारा दिए गए प्रशिक्षण से आरक्षकों को न केवल कानूनी प्रावधानों का ज्ञान प्राप्त हुआ बल्कि व्यावहारिक दृष्टिकोण से विवेचना करने की क्षमता भी विकसित हुई।

बिलासपुर पुलिस की यह पहल कानून व्यवस्था की मजबूती की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन भविष्य में भी निरंतर जारी रहेगा, जिससे पुलिस बल की कार्यक्षमता और प्रभावशीलता में निरंतर सुधार होता रहे।

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