बिलासपुर वॉच

तोखन साहू केंद्रीय राज्य मंत्री ने पर्यटन मंत्री भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर महामाया  मंदिर, रतनपुर, को भारत सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना में शामिल करने मांग की

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तोखन साहू केंद्रीय राज्य मंत्री ने पर्यटन मंत्री भारत सरकार गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात कर महामाया  मंदिर, रतनपुर, को भारत सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना में शामिल करने मांग की

बिलासपुर। तोखन साहू केंद्रीय राज्य मंत्री ने रतनपुर स्थित महामाया मंदिर को भारत सरकार की तीर्थ यात्रा कायाकल्प पर आध्यात्मिक सर्व धन अभियान योजना में शामिल करने की मांग की है। तोखन साहू ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री शेखावत से उनके निवास दिल्ली में मुलाकात कर यह मांग की जिसमे उन्होंने कहा कि “महामाया मंदिर, छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर जिले के रतनपुर में स्थित देवी दुर्गा, महालक्ष्मी को समर्पित एक मंदिर है और पूरे भारत में फैले 51 शक्तिपीठों मे से एक है। मेरा परम सौभाग्य है यह मंदिर कि मेरे संसदीय क्षेत्र में आता है। भारत में देवी माता के अनेक सिद्ध मंदिर हैं, जिनमें माता के 51 शक्तिपीठ सदा से ही श्रद्धालुओं के लिये विशेष धार्मिक महत्व के रहे हैं। इन्हीं में से एक है छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर |

रतनपुर एक छोटा शहर है, जो मंदिरों और तालाबों से भरा हुआ है। यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिला मुख्यालय से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित है। देवी महामाया को कोसलेश्वरी के रूप में भी जाना जाता है जो पुराने दक्षिण कोसल क्षेत्र (वर्तमान में छत्तीसगढ़ राज्य ) की अधिष्ठात्री देवी हैं। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण राजा रत्नदेव प्रथम द्वारा ग्यारहवीं शताब्दी में कराया गया था। ऐतिहासिक, धार्मिक तथा पर्यटन की दृष्टि से यह देश और प्रेदश के सर्वाधिक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थलों में से एक है। यहां हर वर्ष लगभग 15 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन करने के लिये आते हैं। बिलासपुर जिला, छत्तीसगढ़ राज्य के पूर्वी भाग में स्थित है और लगभग 3,700 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। जिला मुख्यालय, बिलासपुर शहर, छत्तीसगढ़ राज्य का दूसरा सबसे बड़ा शहर है और अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। बिलासपुर अपने पारंपरिक शिल्प, जैसे बेल मेटल शिल्प, टेराकोटा मिट्टी के बर्तन और हथकरघा बुनाई के लिए भी प्रसिद्ध है।

महामाया मंदिर की महत्ता एवं छत्तीसगढ़ राज्य के करोड़ों लोगों की आस्था का सम्मान करते हुये भारत सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना के तहत इस मंदिर का विकास किया जाना जनहित में आवश्यक है। इस योजना के तहत महामाया मंदिर का विकास होने से देश-विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी जिससे स्थानीय लोगों के लिये रोजगार का भी सृजन होगा।

मैं आपका आभारी रहूंगा यदि आप महामाया मंदिर, रतनपुर, जिलाबिलासपुर, छत्तीसगढ़ को भारत सरकार की तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान (प्रसाद) योजना में शामिल कराते हुये इसके समग्र विकास हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करने की कृपा करेंगे”

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