रायपुर वॉच

विद्युत मंडल के अव्यवाहरिक वृद्धि दर से स्टील उद्योग नाराज छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट संगठन ने CM को सौंपा ज्ञापन

Share this

विद्युत मंडल के अव्यवाहरिक वृद्धि दर से स्टील उद्योग नाराज छत्तीसगढ़ मिनी स्टील प्लांट संगठन ने CM को सौंपा ज्ञापन

रायपुर। विदित है कि छत्तीसगढ़ में लगभग 200 स्टील उद्योग है जो छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल के कुल उत्पादन के लगभग 30 से 35% के सबसे बड़े उपभोक्ता है जो प्रतिवर्ष लगभग 700 करोड़ यूनिट खपत करने वाले उद्योग है इस उच्च श्रेणी के सबसे अधिक बिजली खपत करने वाले उद्योगों द्वारा छत्तीसगढ़ विद्युत मंडल को प्रतिवर्ष लगभग 5 हजार करोड़ सबसे अधिक राजस्व देने वाले है। छत्तीसगढ़ को सर्वाधिक पूरा लौह उद्योग जी.एस.टी टैक्स के माध्यम से राज्य शासन एवं भारत सरकार प्रति वर्ष लगभग 9 हजार करोड़ से अधिक राजस्व प्रदान करते है तथा यह उद्योग लगभग ढाई से तीन लाख परिवारों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार प्रदान करता है एवं छत्तीसगढ़ के मिनी स्टील प्लांट उद्योग 105 स्पंज आयरन एवं 220 रोलिंग मिलों की बीच की कड़ी है।

जैसा कि प्रदेश में 2003 से 2018 के बीच जब मिनी स्टील प्लांट उद्योगों का विद्युत दर लगभग रू. 4.50 के आसपास रहता था जिसके कारण अन्य राज्य के उद्योगपतियों का छत्तीसगढ़ में रूझान बढ़ा और छत्तीसगढ़ में लगातार नये लौह उद्योग स्थापित हुये तथा साथ ही साथ पूर्व चलित लौह उद्योगों का भी विस्तार होता गया परन्तु 2018 में जब से विद्युत दरों में लगातार वृद्धि होते हुए वर्तमान में रू. 7.60 हो गया है। नतीजन नये लौह उद्योग लगना बंद हो गये और उसके विपरीत मिनी स्टील प्लांट उद्योगों के बंद होने की संभावना बढ़ गयी है।

पिछले 11 वर्षों से विद्युत दरों में वृद्धि की गणना :-

इसके अलावा 8 प्रतिशत विद्युत शुल्क (Electricity Duty). लगभग 10 से 15 प्रतिशत एफपीपीएएस (Fuel and Power Purchase Adjustment Surcharge), और 0.10 पैसे उपकर (Cess) अलग से प्रत्येक माह के बिल में सम्मेलित कर बिलिंग किया जाता है।

ज्ञातव्य है कि पुराने विद्युत टैरिफ के तहत प्रति यूनिट रूपये 6.10 से 6.15 पड़ रहा था जिसमें जून 2024 से सीधा-सीधा विद्युत दरों में प्रति यूनिट रूपये 1.40 वृद्धि करके लगभग रूपये 7.60 कर दिया गया है। जिससे वर्तमान में स्टील उद्योग को चलाना असंभव हो गया है।

ज्ञातव्य हो कि आज से 11 वर्ष पहले ये विद्युत की दरे रूपये 4.25 थी जो कि बढ़ते-बढ़ते पिछले साल रूपये 6.10 हुवा अब तो हद पार करके रूपये 7.50 से 7.60 होगया। इसमें आपको बताना चाहेगें कि आज के दौर में विद्युत गहन ( Power Intensive) वाले राज्य का निम्नलिखित दरें हैं:-
1. मध्य प्रदेश 5.70
2. दुर्गापुर। 5.00
3. उड़ीसा। 5.10
4. जिंदल पार्क( रायगढ़) 5.45
5. तेलंगाना। 7.10
6. महाराष्ट्र 7.25
छत्तीसगढ़ प्रदेश विद्युत उत्पादक राज्य है तथा यहां पर भरपूर मात्रा में विद्युत प्राप्त होने के कारण लौह उद्योग लगातार स्थापित एवं बढ़ोतरी हुए है जिसके कारण छत्तीसगढ़ प्रदेश का इतना विकास (Development) हुआ है।

छत्तीसगढ़ के लौह उद्योगों के द्वारा तैयार माल उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र. आंध्रप्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडू, केरल, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल अन्य राज्य के स्थानीय (Local) लौह उद्योगों से प्रतिस्पर्धा करके तैयार लौह सामग्री विक्रय करना पड़ता है।

मिनी स्टील प्लांट (फर्नेस ) उद्योग को लगभग 1300 यूनिट प्रति टन विद्युत खपत होता है जो कि पहले लगभग रूपये 8000 प्रति टन विद्युत लागत आता था परन्तु जून 2024 से विद्युत दर रूपये 1.40 बढ़ने से लगभग रूपये 10000 प्रति टन विद्युत लागत आ रहा है यह कि रूपये 1800 से 2000 प्रति टन की लागत बढ़ गई है।

जैसा कि मिनी स्टील प्लांट (फर्नेस) विद्युत गहन ( Power Intensive ) उद्योग है तथा विद्युत हमारा रॉ मटेरियल है। ऐसी अवस्था में मिनी स्टील प्लांट (फर्नेस) उद्योग रूपये 400 से 500 प्रति टन के अंतर (Margin) में पूरा लौह व्यापार चलता है वह भारी नुकसान झेल रहा है तथा अब उद्योग चलाना असंभव हो गया है।

जैसा कि स्टील उद्योगों के द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य में सबसे ज्यादा जीएसटी के रूप में टैक्स देने वाला उद्योग है, स्टील उद्योग बंद होने जीएसटी तथा रोजगार में भी जबरदस्त असर पड़ना तय है एवं भारत में अब रायपुर स्टील का हब हो गया और यहां के स्टील हब में ऐसा हो गया जो पूरे भारत में असंतुलित होने के साथ-साथ बहुत दिक्कत आ जायेगा। पूर्व वर्ष में छत्तीयगढ़ शासन द्वारा स्टील उद्योगों को जीवित रखने के लिए प्रतिस्पर्धेित राज्य के समकक्ष प्रतिस्पर्धा में रहने के लिए को समय-समय पर अनुदान (Subsidy) / लोड फैक्टर प्रोत्साहन (Incentive) के माध्यम से सहयोग देते आ रहे है।

अतः हमें महानुभव से प्रार्थना है कि ये जो रूपये हुई है इसे अनुदान (Subsidy) या और किसी रूप में हमें वापिस जीवित करें और इसे बचाने की महान कृपा करें। 1.40 की अप्रत्याशित वृद्धि पुनः देकर इस उद्योग को वापस जीवित और बचाने की कृपा करें, ऐसा छत्तीसगढ़ मिनी प्लांट संगठन ने कहा है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *