सुधीर तिवारी
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का बिलासपुर प्रत्याशी के विचार पर दिख रहा है आंतरिक मतभेद…
बिलासपुर। बिलासपुर विधानसभा चुनाव के कुछ ही दिन शेष रह गए है हर पार्टी अपनी तैयारी मे जुट गए है। और कांग्रेस में तो ताबड़ तोड़ बदलाव किए जा रहे है,जिसे सभी विरोधी पार्टियों को गहन चिंतन में डाल दिया हैं।राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी मे एक नाम ऐसा है जो अपने प्रभाव से जाना जाता है जिसका जनाधार भी है हर वर्ग के लोग उसे जानते है। एनसीपी की सदस्यता भी अपने साथियो के साथ ली है।बात कर रहे है बिलासपुर जिला आटो संघ अध्यक्ष अजय पानीकर उर्फ नान की । एनसीपी तरफ से अजय पानीकर को बिलासपुर विधानसभा का उम्मीदवार बनाया जाता है तो पार्टी पदाधिकारियों की और कार्यकर्ताओं की सहमति से अपनी अच्छी जगह बनाकर एक नई छाप छोड़ सकते है। विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने वाला एक उम्मीदवार के रूप में अपनी सक्रियता और प्रभावशीलता को दिखा सकते हैं। लेकिन ठीक इसके विपरीत एनसीपी प्रवक्ता निलेश विश्वास की बात करे तो सिर्फ पोस्टरो की राजनीतिक करते है जनहित मुद्दों को लेकर जनता के समक्ष संघर्ष करते हुए अपनी सशक्त पहचान बनाने में समर्थ नहीं रहे हैं। केवल कांग्रेस और बीजेपी की आलोचना करते हुए अपने मत व्यक्त करते हमेशा नजर आते हैं। जनता के बीच में अपनी उपस्थिति और पहचान बनाने में अभी भी उनको संघर्ष करना पड़ रहा है। जिससे उनको टिकट मिलने पर किसी भी तरह का अन्य पार्टियों पर कोई भी प्रभाव पड़ना असंभव सा नजर आता है।निलेश विश्वास को एनसीपी से टिकट मिलता है तो इससे पार्टी की जीत तो दूर ,किसी का समीकरण बिगाड भी नही सकते।उल्टा ऐसा ना हो निलेश विश्वास के कारण पार्टी की जमानत जप्त हो जाये। अजय पानीकर का समाज भी उनके साथ सशक्त रूप से जुड़ा हुआ है जिसका असर चुनाव में देखने मिल सकता है। वही निलेश विश्वास का अपने समाज में विशेष प्रभाव नजर नहीं आता है। जिससे कोई प्रभाव हो और चुनाव मे कोई छाप छोड सके। एनसीपी पार्टी अजय पानीकर को बिलासपुर विधानसभा उम्मीदवार बनाती है तो इसका एक खास असर बिलासपुर की राजनीतिक मे पड़ सकता है देखना होगा एनसीपी पार्टी एक जनाधार वाले व्यक्तिव को मौका देती है या जिसका कोई जनाधार ही नही ऐसे व्यक्तिव को अवसर देती है। आगामी चुनाव को देखते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को जनता के बीच लोकप्रिय और जनाधार रखने वाले लोगों को चयन करना है या ऐसे व्यक्ति को जो केवल आलोचना और पोस्टरों पर अपना प्रचार प्रसार करना प्रमुखता समझता है।