शहर के कई मोहल्ले में डायरिया फैला एक महिला की मौत: विधायक प्रभावितों से मिले
— सुरेश सिंह बैस
बिलासपुर। शहर में हर साल बरसात के मौसम में डायरिया किसी ना किसी मोहल्ले में फैलता है और यह 8 साल का नियम बन चुका है। इस साल भले ही शहर में अभी तक अच्छी बारिश ना हो रही हो। लेकिन डायरिया ने दस्तक देने में कोई कोताही नहीं की। नगर के कई पिछड़ी और निचली बस्तियों में से एक चांटीडीह में डायरिया पहले के कारण कई लोग बीमार पड़ गए है। अनेक लोगों को जिला हॉस्पिटल व सिम्स में भर्ती कराया गया है।
दावा किया जा रहा है कि यहां 40 से 50 लोग डायरिया पीड़ित है। इनमें से 10 से 12 लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। चांटीडीह में रहने वाली बुजुर्ग महिला कमला मिश्रा की भी तबीयत पिछले कुछ दिनों से खराब थी। उन्हें बार-बार दस्त आ रहे थे। शुक्रवार को उनकी तबीयत बिगड़ने पर परिजन उन्हें इलाज के लिए सिम्स लेकर पहुंचे।, लेकिन इलाज से पहले ही उनकी मौत हो गई।
शहर में डायरिया से संभवतः इस सीजन की यह पहली मौत है। मिश्रा परिवार में दो बच्चे भी डायरिया पीड़ित बताए जा रहे हैं। नगर निगम के तमाम दावों के बावजूद आज भी सड़ी गली पाइप लाइन से पानी की सप्लाई हो रही है। अधिकांश वार्डो में पाइपलाइन नालियों से गुजरती है। बरसों पुरानी पाइप लाइन होने से उनमें जगह-जगह लीकेज हो गए हैं, जिस कारण बरसात के दौरान प्रदूषित जल पाइप लाइन के जरिए लोगों के घरों में पहुंचता है। अधिकांश घरों में पानी को फिल्टर करने की कोई व्यवस्था ना होने से वे बरसात के मौसम में जल जनित रोगों से पीड़ित होते हैं।, जिसमें डायरिया प्रमुख है। शहर में चांटीडीह के अलावा तालापारा, हेमू नगर, शंकर नगर जैसे कुछ इलाके हैं। जहां हर साल डायरिया फैलता है।, फिर भी स्वास्थ्य विभाग इसे लेकर सजग नहीं है। बताया जा रहा है क्षेत्र में डायरिया फैलने की खबर पाकर स्थानीय पार्षद मौके पर पहुंचे थे ,लेकिन बिना कुछ खास किया लौट गए। बुजुर्ग महिला कमला मिश्रा के परिजन दावा कर रहे हैं कि उनकी मौत डायरिया के चलते ही हुई है।, हालांकि प्रशासन ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है। जाहिर हैं, इस मामले में भी उनकी अपने ही अलग दलील होगी।
सिम्स में डायरिया पीड़ित बच्चों को इलाज के लिए भर्ती किया गया है। शुक्रवार शाम के बाद नगर विधायक शैलेश पांडे उनका हालचाल जानने सिम्स पहुंचे, जहां चिकित्सकों को अच्छे से ‘अच्छा इलाज देने के निर्देश दिए गए हैं।