रायपुर। वैश्विक स्तर पर आयोजित अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग साइंस फेयर (आईएसईएफ) 2023 में भवन्स आर. के. सारडा विद्या मंदिर रायपुर के स्कूली बच्चों ने न केवल छत्तीसगढ़ बल्कि देश का नाम रौशन किया है, जब वे कई अवार्ड अपने नाम करने में सफल रहे। जो कि इस वर्ष 14-19 मई को डलास, टेक्सास (यू. एस. ए.) में आयोजित किया गया था। इसमें 70 से अधिक देशों के 1800 से अधिक प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था। कुल 3500 प्रोजेक्ट जमा हुए थे जिसमें अंतिम 20 का चयन हुआ.और इसमें भवन्स आर. के. सारडा विद्या मंदिर रायपुर के बच्चों के प्रेजेंटेशन को बड़ी उपलब्धि माना जा सकता है। बच्चों के साथ पेरेंट्स ने इस बात पर खुशी जाहिर की कि स्कूल प्रबंधन व प्रिंसिपल अमिताव घोष ने हर पल इन बच्चों का मार्गदर्शन किया जिनके कारण यह सफलता हासिल हो सकी।
आज इन बच्चों ने अपनी जीत की खुशी मीडिया से शेयर करते हुए बताया कि किस तरह उन्होने यह मुकाम हासिल किया। इससे पहले प्रिंसिपल अमिताव घोष ने बताया कि किस प्रकार इन बच्चों ने तैयारी की थी और क्या थाआयोजन आईएसईएफ-2023..। अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग मेला (आईएसईएफ) जिसे वैज्ञानिक समुदाय में विज्ञान मेलों के ओलंपिक के रूप में जाना जाता है, दुनिया का सबसे बड़ा एवं सबसे प्रतिष्ठित प्री-कॉलेज विज्ञान मेला है।
जो इस वर्ष 14-19 मई तक डलास, टेक्सास (यू. एस. ए.) में आयोजित किया गया था। इसमें 70 से अधिक देशों के 1800 से अधिक युवा विज्ञानियो को एक ऐसे क्षेत्र में एक साथ लाया, जहाँ उन्होंने अपने विचारों को साझा किया। अत्याधुनिक विज्ञान का प्रदर्शन किया और पुरस्कारों एवं छात्रवृत्ति में $ 6 मिलियन से अधिक के लिए प्रतिस्पर्धा की। भवन्स आर. के. सारडा विद्या मंदिर रायपुर, छत्तीसगढ़ की 3 टीमों ने आईएसईएफ में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का 25 प्रतिशत हिस्सा बनाया।
इसके बाद क्रमश:अवार्डी बच्चों ने अपने द्वारा दिए गए प्रेजेंटेशन को साझा किया। आदित्य कुमार झा और ईशान चौधरी की टीम, जिन्होंने जैव रसायन की श्रेणी में अपनी शोध परियोजना – हेपाईज-प्रस्तुत की, भारतीय प्रतिनिधिमंडल की सबसे कम उम्र की टीमों में से उनकी टीम एक थी और उन्होंने 2,000 डॉलर के पुरस्कार और अंतर्राष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी से $3000 के विशेष पुरस्कार के साथ दूसरा ग्रैंड अवार्ड जीता। वंशिका डिगानिया और सौम्या अग्रवाल की टीम ने अपनी शोध परियोजना -ओवीड्रोम कैच- के साथ ट्रांसलेशनल मेडिकल साइंसेज की अपनी श्रेणी में तीसरा ग्रैंड अवार्ड और 1,000 डॉलर की पुरस्कार राशि जीती। विनीत नारायण प्रजापति और स्नेहा पाण्डेय की टीम ने अपने प्रोजेक्ट -क्यूरेल्जिया- के साथ कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी और बायोइन्फॉर्मेटिक्स की सबसे बड़ी प्रतिस्पर्धा की श्रेणियों में से एक में प्रतिभागी बने।
अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान और इंजीनियरिंग साइंस फेयर(आईएसईएफ)प्रतियोगियों को युवा दिमाग के बीच विचारों और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए एक मंच प्रदान किया। फाइनलिस्ट एक पिन एक्सचेंज समारोह के माध्यम से अपने प्रतिद्वंद्वियों को जानने में सक्षम थे, जिसमें उनके राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाले पिन का आदान-प्रदान किया गया था। इंटरनेशनल शाउट आउट और प्रदर्शन के साथ जो किसी को भी आश्चर्यचकित कर देगा, आईएसईएफ उद्घाटन समारोह एक यादगार रात रही। इसके बाद के दिनों में साइंस फॉर सोशल गुड, 3 डी प्रिंटिंग इन हेल्थकेयर, उद्यमियों के साथ पैनल, एसटीईएम में महिलाएँ और आईएसईएफ के पूर्व छात्रों द्वारा कई संगोष्ठियाँ आयोजित की गई। अपने कैरियर में युवा वैज्ञानिकों के रास्तों को हल्का करने के लिए कॉलेज और कैरियर मेलों की विस्तृत विविधता की मेजबानी की गई थी। हमें पेरोट संग्रहालय का दौरा करने और आर्लिंगटन में टेक्सास विश्वविद्यालय के दौरे का अवसर दिया गया था। निर्णायक दिवस के बाद, आर्केड, नृत्य, संगीत और अन्य विशेषता रखने वाले छात्र और अन्य सम्मिलित हुए। सार्वजनिक मुलाकात दिवस ने फाइनलिस्टों को खुले दर्शकों और नए उभरते छात्रों को प्रेरित एवं प्रोत्साहित करने के लिए अपनी परियोजनाओं को प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया। काफी खुशनुमा पल लिए वर्ष 2023 के विशेष पुरस्कार और ग्रैंड अवाड्र्स समारोह का समापन हुआ।