नीलकमल आजाद सांडी:- छत्तीसगढ़ वांच रिपोर्टर संडी बंगला। छत्तीसगढ़ में 15 जून के बाद रेत खनन पूरी तरह बंद करने के निर्देश शासन द्वारा हर वर्ष कर दिया जाता है मगर बलौदा बाजार जिले में अलग ही कानून चल रहा है यहां पर हर रोज शासन के 50लाख से अधिक का राजस्व की चोरी खुलेआम रेत माफियाओं के द्वारा किया जा रहा है । रेत माफिया द्वारा जगह जगह रोड में अपने आदमी लगाया गया है जिसमें कोई भी अधिकारी आवागमन करते हैं तो तत्काल घाट में सूचना तंत्र दे देते हैं जिससे वहां चैन मेंटेन एवं गाड़ी को भगा दिया जाता है वही रेत माफिया पर अधिकारियों की मेहरबानी भी समझ से परे है। वैसे तो हर रेत माफिया अपने आपको सफेद पोशाक वालों के करीबी होने का दावा करते हैं शायद यही कारण है कि अफसर बेबस और लाचार होंगे पर कानून से बड़ा कोई नहीं हो सकता मगर बलौदा बाजार में अधिकारियो की बेबसी समझ से परे है। जिले में 20से 25रेत घाट स्वीकृत है जिसमे एक दर्जन से ज्यादा रेत घाट में रेत खनन किया जाता है जिसे 15जून के बाद पूरी तरह बंद कर दिया जाना था ।मगर घाट बंद करना तो दूर अब तो माफियों के द्वारा 24घंटे रेत खनन किया जा रहा है । जिससे शासन को प्रति दिन 50लाख से अधिक का राजस्व की चोरी खुलेआम किया जा रहा है । बारिश आने के पहले रेत माफिया रेत का अवैध डंप जगह-जगह कर रहे हैं जिससे बरसात में ऊंचे दाम पर रेत लोगों को बेच सकें इसके लिए भारी मात्रा में रेत को डमफ़ किया जा रहा है ।
रेत घाट में उत्खनन का नियम सुबह 6बजे से शाम 6बजे तक होता है ।
रेत घाट का उत्खनन का समय सुबह 6:00 बजे से शाम 6:00 बजे तक कुल 12 घंटे होता है जिसके लिए बकायदा पीट पास और रायलटी एवम खनन की स्वीकृति होनी चाहिए मगर यहां तो अवैध खनन को भी बेखौफ होकर रेत माफियाओं के द्वारा 24 घंटे खनन किया जा रहा है आखिर इतनी हिम्मत साहस माफियों के पास कहां से आया जिसे न कानून का भय है और नही कार्यवाही का आखिर समय समाप्त होने के बाद किसके संरक्षण में अवैध खनन किया जा रहा है।
एक एक घाट में लाखो रुपए का रेत खनन किया जाता है।
सामान्य दिनों में ईमानदारी से जब रेत खनन किया जाता है तब रॉयल्टी काटी जाती है तो एक एक घाट में लाखो रुपए की रॉयल्टी कटती है जो शुद्ध रूप से शासन के खाते में उक्त राशि जमा होता है। मगर समय सीमा समाप्त होने के बाद न तो पीट पास काटी जा सकती है और नही समय सीमा के बाद खनन की अनुमति दी जा सकती है ।मतलब एक घाट में दिन में जितनी खनन होती है उसका डबल रात में खनन होता है जिसे कोई देखने वाला नही और आसपास रेत माफियों के द्वारा स्टोरेज की अनुमति लेकर अनुमति से अधिक स्टोरेज किया जा रहा है जिसे बाद में बैगर पीट पास के मार्केट में बेचेंगे ।
इन घाटों में हो रहा अवैध रेत खनन माफिया के द्वारा ।
वैसे रेत खनन के लिए शासन का स्पष्ट निर्देश है की मैनुअल तरीके से रेत खनन किया जाएगा मगर अधिकारियों के मेहरबानी से रेत खनन का काम बड़े-बड़े चेन माउंटेन मशीन से किया जा रहा है जिससे कम समय पर अधिक रेत का उत्खनन माफियों के द्वारा किया जा रहा है। क्योंकि मैनुअल पद्धति से रेत खनन करने पर मुश्किल से दिन भर में मशीन द्वारा की जाने वाली खनन की औसतन 10% खनन हो सकेगा इसलिए माफियाओं द्वारा अधिकारियों को खुश कर चैन माउंटेन से रेत खनन की अनुमति लेते हैं जो मौखिक रूप से होती है चुकी पर्यावरण का स्पष्ट निर्देश है रेत खनन किसी भी सूरत में मैनुअल तरीके से होगी पर नियमों को ताक में रखकर अधिकारियों की मेहरबानी से चैन माउंटेन मशीन से रेत खनन की जा रही है। जिले में जिन रेत घाटों में अवैध खनन जारी है उसमें बम्हनी,दतरेगी दतान ख, ,चरौदा सिरियाडीह, चिचपोल, पुटपुरा , बल्दा कछार आदि घाट वर्तमान में अवैध रूप से संचालित हो रहा है जिसे ने तो कोई देखने वाला और नही कोई सुनने वाला।
15 जून के बाद रेत खनन का कोई आदेश नहीं अवैध खनन पर कार्यवाही जारी,कुंदन बंजारे जिला खनिज अधिकारी
वही इस संबध में जिला खनिज अधिकारी बलौदा बाजार कुंदन बंजारे का कहना है की 15 जून के बाद किसी भी घाट में रेत खनन की अनुमति नहीं है वैसे दो तीन दिन पहले कुछ घाटों में रेत खनन की शिकायत मिलने पर कार्यवाही की गई है और अनुमति से ज्यादा स्टोरेज किए रेत के खिलाफ भी कार्यवाही किया गया है अगर अभी भी रेत खनन जारी है तो उस पर तत्काल कार्यवाही की जाएगी नियम विरुद्ध कार्य को बर्दास्त नही किया जाएगा ।