शराब घोटाला केस में ईडी एक हवाला कारोबारी को गवाह बना सकती है। बताते हैं कि ईडी ने दो दिन पहले हवाला कारोबारी के अशोका रतन रहवास पर रेड थी। इसके बाद उनसे दो दिन तक लंबी पूछताछ की गई। इसके बाद कारोबारी को गिरफ्तार किए बिना छोड़ दिया गया। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कारोबारी को भी सरकारी गवाह बनाया जा सकता है।
चर्चा है कि ईडी ने पहले जिन तीन डिस्टलरी संचालक नवीन केडिया, अमोलक सिंह भाटिया और पप्पू भाटिया को गवाह बनाया है, वो डेढ़ साल पहले इनकम टैक्स की छापेमारी के बाद शराब घोटाले के प्रमुख आरोपियों में से किसी के साथ भी कारोबारी रिश्ते से इंकार कर चुके हैं। अब आगे क्या कुछ होता है, यह देखना है।
बंसल करेंगे बेड़ा पार..…
जिस छत्तीसगढ़ भाजपा को आधा दर्जन नेता चला रहे हैं, अब उसमें राष्ट्रीय महामंत्री सुनील बंसल का भी नाम जुड़ सकता है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की सर्वे रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ में भाजपा की चुनावी संभावनाएं काफ़ी क्षीण है। यही कारण है कि यूपी में भाजपा की जीत में अहम भूमिका निभाने वाले बंसल को छत्तीसगढ़ की ज़िम्मेदारी देकर यहाँ भेजने की रणनीति बनाई गई है। दिलचस्प यह है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश प्रभारी ओम माथुर के हटने की भविष्यवाणी की और बंसल का नाम भाजपाई हल्कों में ज़ोर पकड़ लिया। हालाँकि माथुर , शिवप्रकाश, अजय जामवाल, नितिन नवीन, पवन साय समेत संगठन के आधे दर्जन लोग पहले ही ताबड़तोड़ बैठकें कर रहे हैं। ये बात अलग है कि इन बेनतीजा बैठकों से कार्यकर्ता चार्ज तो नहीं हो पाया। अलबत्ता बैठकों के नाम पर ज़मीनी कार्यकर्ता अब भागने लगे हैं।
सारडा एनर्जी की ऊंची छलांग
प्रदेश के बड़े उद्योग समूह सारडा एनर्जी ने रायगढ़ स्थित एसकेएस पावर को खरीदने में सफलता हासिल कर ली है। उन्होंने अडानी और टाटा पावर जैसी कंपनियों को पछाड़ दिया है। एसकेएस पावर को एसबीआई ने आक्शन किया था। छह सौ मेगावाट के इस पावर प्लांट को खरीदने के लिए छह कंपनियों ने बोली लगाई थी। इसमें सारडा एनर्जी सबसे आगे निकल गई।
दिल्ली से आई मीडिया टीम..
प्रदेश भाजपा में मीडिया विभाग में चल रही खींचतान से निपटारे के लिए हाईकमान ने पहल की है और दिल्ली से एक टीम भेजकर सारा प्रबंधन उन्हें सौंप दिया है।
बताते हैं कि मीडिया विभाग के पदाधिकारी अब दिल्ली की टीम को सपोर्ट करेगी। यही नहीं, सोशल मीडिया के लिए भी अलग से टीम काम कर रही है। उसके कर्ता-धर्ता भी बाहर से आए हैं। ये टीम किस तरह काम करती है, इस पर निगाहें टिकी हैं।
दादाबाड़ी में सुमित ग्रुप भारी..
जैन समाज के प्रमुख संस्थान दादाबड़ी पर कब्जे के लिए हुए चुनाव में दो बड़े सराफा कारोबारी एटी ग्रुप और सुमित ग्रुप के बीच ऐसी जंग छिड़ी, जिसका गवाह समूचा जैन समाज रहा। सुमित ग्रुप ने एटी के पैनल का सूपड़ा साफ करवा दिया।
सुमित ग्रुप के मुखिया विजय कांकरिया को सबसे ज्यादा 2302 वोट हासिल हुए, जबकि एटी पैनल के अशोक बरड़िया को 1345 वोट ही मिल पाए। एटी पैनल के बाकी प्रत्याशी चार अंक तक नहीं पहुंच पाए।
सुमित ग्रुप के अभय भंसाली, राजेन्द्र गोलछा, और नरेश मूथा जीत गए। कुल मिलाकर दादाबाड़ी में सुमित ग्रुप, एटी ग्रुप पर भारी रहा।
सादगी के अमिताभ
जिस छत्तीसगढ़ में पटवारी से लेकर आईएएस तक के परिजनों की शादियों का वैभव जन-जन में चर्चा का विषय रहता है, उसी प्रदेश के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने अपनी बेटी की शादी बेहद सादगी और बिना किसी तामझाम से कर दी। शादी में सिर्फ़ गिने-चुने लोगों को आमंत्रित किया गया था। आईएएस दामाद भी ट्रेन से बारात लेकर पहुँचे। प्रशासनिक गलियारों में इसकी ज़बरदस्त चर्चा है और जैन साहब की सादगी और सरलता की मिसाल दी जा रही है। वैसे भी प्रशासन के अमिताभ पूरे कैरियर में आत्म प्रचार से दूर रहे हैं। सख़्तमिज़ाजी और पद का ग़ुरूर तो उन्हें स्पर्श भी नहीं कर पाया। ऐसे अफसर पर गर्व करना सहयोगियों के लिए लाज़मी है।