रायपुर । भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता और पूर्व मंत्री राजेश मूणत ने झीरम हमले को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के ताजा बयान पर सवाल किया है कि झीरम मामले में मुख्यमंत्री बघेल के पास जो सबूत हैं, उसे वे सार्वजनिक क्यों नहीं करते? आखिर वे सबूत कब तक सामने रखे जाएंगे? क्या कांग्रेस की प्रदेश सरकार झीरम मामले के दोषियों को बचाने की कोशिश कर रही है?
राजेश मूणत ने कहा कि झीरम मामले में मुख्यमंत्री बघेल जनता को गुमराह कर रहे हैं। झीरम घाटी में शहीद छत्तीसगढ़ महतारी के बेटे थे। वे किसी राजनीतिक दल से ऊपर उठकर पूरे प्रदेश के नेता थे। भारतीय जनता पार्टी लगातार इस बात को कह रही है कि अगर मुख्यमंत्री बघेल के पास जो भी सबूत और दस्तावेज इस मामले के हैं, उसे सार्वजनिक करें। यह मुख्यमंत्री बघेल के संज्ञान में होना चाहिए कि जिस समय इस हमले की जांच की घोषणा की गई थी, उस समय केन्द्र में कांग्रेसनीत संप्रग की सरकार थी। उस समय सोनिया गांधी व राहुल गांधी ने रायपुर में एक बैठक में यह निर्णय करने के बाद इसकी जाँच की घोषणा की थी। भाजपा लगातार जाँच की मांग करती रही है। मुख्यमंत्री बघेल से सबूत व दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा जा रहा है, जिसके बारे में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष के नाते मुख्यमंत्री बघेल ने कहा भी था।
उन्होंने कहा कि आठ-नौ साल से मुख्यमंत्री बघेल ने झीरम के सबूत व दस्तावेज तक प्रस्तुत नहीं किए हैं, और इस मुद्दे को लेकर केवल राजनीति कर रहे हैं। अगर मुख्यमंत्री बघेल झीरम के शहीदों के परिजनों के प्रति संवेदना रखते हैं और झीरम के दोषियों को सजा दिलाना चाहते हैं तो वे सारे सबूत व दस्तावेज सार्वजनिक कर एनआईए के सुपुर्द करें जिन्हें अपनी जेब में रखकर घूमने की शेखी मुख्यमंत्री बघारते रहे हैं। अन्यथा यह स्पष्ट हो जाएगा कि इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री सिर्फ सियासत करेंगे, आगामी विधानसभा चुनाव में इस मुद्दे पर प्रदेश को गुमराह करने का प्रयास करेंगे। मुंहजुबानी जमा-खर्च करके जनता को गुमराह करने और अखबारों में सुर्खियां पाने के लिए आरोप-प्रत्यारोप करते रहते हैं।