Chanakya Niti: मनुष्य जीवन में विद्या का मोल सबसे अधिक है। जो व्यक्ति विद्या अर्जित करके अपना जीवन यापन करता है, वह सदैव सफलता प्राप्त करता है। लेकिन जो अज्ञानता के कारण कोई कार्य करता है, उसके हाथ हमेशा खाली ही रहते हैं। इसलिए जीवन में एक उचित मार्गदर्शक का होना अतिआवश्यक है। ऐसे ही एक मार्गदर्शक थे आचार्य चाणक्य, जिनके द्वारा रचित चाणक्य नीति आज भी लाखों युवाओं का मार्गदर्शन कर रही है। चाणक्य नीति में धर्म, अर्थ, राजनीति के साथ-साथ जीवन की अन्य महत्वपूर्ण नीतियों के विषय में भी बताया गया है। माना जाता है कि जो लोग इन नीतियों का पालन करके जीवन व्यतीत करते हैं, उन्हें सदैव सफलता प्राप्त होती है। आइए चाणक्य नीति के इस भाग में जानते हैं कि मनुष्य के सफलता प्राप्त करने के किस महत्वपूर्ण चीज पर कार्य करना चाहिए।
चाणक्य नीति के इस शिक्षा का रखें ध्यान (Chanakya Niti for Success)
गुणैरुत्तमतां यान्ति नोच्चैरासनसंस्थितैः ।
प्रसादशिखरस्थोऽपि किं काको गरुडायते ।।
अर्थात- गुणों से ही मनुष्य बड़ा बनता है, ना कि किसी ऊंचे स्थान पर बैठने से। राजमहल के शिखर पर यदि कौवा बैठ जाए तो वह गरुड़ नहीं बन जाता है।चाणक्य नीति के माध्यम से आचार्य चाणक्य ने बताया है कि जो लोग अच्छे गुणों को साथ लेकर कोई भी कार्य करते हैं, वही श्रेष्ठ और सफल व्यक्ति कहलाते हैं। यह जरूरी नहीं कि वह ऊंचे स्थान पर बैठा हुआ व्यक्ति हो। ऐसा इसलिए क्योंकि महल के शिखर पर अगर कौवा बैठ जाता है तो उसे गरुड़ के समान शक्तिशाली नहीं कहा जा सकता है। वह हमेशा कमजोर और अप्रिय बोलने वाला काक ही रहेगा। लेकिन जमीन पर बैठा हुआ गरुड़ हमेशा पक्षीराज कहलाएगा। इसलिए व्यक्ति को सदैव अपने गुणों पर कार्य करना चाहिए और अपने भीतर सद्गुण लाने चाहिए। यही सफलता प्राप्त करने के मुख्य स्तंभ हैं।