तबादलें पर सुनवाई के लिए गठित वरिष्ठ सचिव समिति अस्तित्व को चुनौती
00 मुख्य सचिव को ट्वीट कर संज्ञान में लेकर कार्यवाही करने की मांग
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य कर्मचारी संघ के पूर्व प्रांताध्यक्ष, पेंशनर फेडरेशन के अध्यक्ष व वरिष्ठ कर्मचारी नेता वीरेन्द्र नामदेव ने आरोप लगाया है कि छत्तीसगढ़ में तबादला उद्योग चरम पर है जहाँ एक ओर स्थानांतरण नीति को ताक में रखकर तबादला का समय सीमा खत्म होने के बाद बेक डेट में तबादला आदेश आज तक लगातार जारी हो रहे है. वहीं दूसरी ओर छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकारियों व कर्मचारियों के लिये जारी स्थानांतरण नीति के तहत किये जा रहे तबादले के विरुद्ध अभ्यावेदन पर स्थानांतरण में संशोधन हेतु गठित 3 सदस्यीय सचिव स्तरीय कमेटी को कई विभाग स्वयं आदेश को संशोधन और निरस्त कर शासन को खुलेआम चुनौती दे रहे है.
जारी विज्ञप्ति में आगे बताया गया है कि *शासन के आदेश के विपरित कई आदेश हुए है,जहाँ राजपत्रित संवर्ग और तृतीय व चतुर्थ संवर्ग के आदेश निरस्त एवं संशोधन किये गए है.आश्चर्य यह भी एक ही तिथि में तीन आदेश एक ही कर्मचारी के पहले तबादला,फिऱ संशोधन और फिर निरस्त किये गए है. जो सीधे सीधे तबादला उद्योग में हो रहे भ्रष्ट्राचार को साबित करने के लिए पर्याप्त है.* अंतिम तिथि 30 सितम्बर के बाद लगातार बेक डेट से अक्टूबर 22 के अन्त तक लगातार प्रतिदिन आदेश जारी होते रहे हैं,सूत्रों की मानें तो यह सिलसिला नवम्बर 22 में भी जारी रहने की पूरी संभावना है,इसकी पुष्टि विभागों पोर्टल में डाउनलोड तिथि से की जा सकती है. इस साल स्थानांतरण नीति के विपरित नियम विरुद्ध तबादला के शिकार असंतुष्ट-असहमत अनेक लोग परेशान हैं क्योंकि सरकार ने तबादला से असंतुष्ट कर्मचारियों को स्थानांतरण आदेश जारी होने के दिनाँक से 15 दिन के भीतर अपना अभ्यावेदन शासन द्वारा हाईकोर्ट के निर्देश पर गठित 3 सदस्यीय वरिष्ठ सचिव समिति के समक्ष प्रस्तुत करने का निर्देश जारी किया है,जो अंतिम दिनाँक 30 सितंबर के नाम से बेक डेट से अब तक तबादला आदेश जारी होने से परेशानी का सबब बन गया है।
उल्लेखनीय है कि स्थानांतरण नीति के विरुद्ध हाईकोर्ट के निर्देश पर छत्तीसगढ़ शासन सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रमुख सचिव मनोज पिंगुआ के अध्यक्षता में वित्त सचिव श्री मति अमरमेलमंगई डी.तथा भारसाधक सचिव सामान्य प्रशासन विभाग के साथ वरिष्ठ सचिव समिति का गठन किया है, उन्हें स्थानांतरण के विरुद्ध आदेश जारी होने के 15 दिन के भीतर प्राप्त कि अभ्यावेदन पर परीक्षण व सुनवाई कर निर्णय पारित करने हेतु अधीकृत किया गया है। जबकि विभागों द्वारा स्वयं जाबूझकर जारी स्थानांतरण आदेश में निरस्तीकरण और संशोधन कर हाईकोर्ट के आदेश का अवहेलना- अवमानना कर रहे हैं, यह गम्भीर मामला है, मुख्य मंत्री कार्यालय और मुख्य सचिव अमिताभ जैन को ट्वीट कर इसे तुरन्त संज्ञान में लेकर जरूरी कार्यवाही की मांग की है.