रायपुर वॉच

आदिवासियों के पारंपरिक आभूषण पुतरी, सुता, ऐठी, पोलकी कर रहे हैं लोगों को आकर्षित

वन अधिकार अधिनियम पर पोर्टल के माध्यम से हो रहे रोचक सवाल-जवाब
रायपुर। छत्तीसगढ़ अपने स्थापना के 22 साल पूरे कर चुका है। इस आदिवासी बाहुल्य राज्य में आदिवासी संस्कृति, सभ्यता और कला हमेशा से ही लोगों के लिए आकर्षण का केन्द्र रही है। लोग आदिवासियों के रहन-सहन, जीवनशैली और उनके पहनावे के साथ पारंपरिक आभूषणों को लेकर रूचि दिखाते रहे हैं। ऐसा ही कुछ साइंस कॉलेज मैदान में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा आयोजित विकास प्रदर्शनी में आदिवासियों के पारंपरिक आभूषण जैसे पुतरी, सुता, ऐठी, पोलकी आदि देखने को मिल रहा है। यह विकास प्रदर्शनी छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर लगायी गई है। इस दौरान आदिवासियों का पारंपरिक आभूषण लोगों के लिए खासतौर पर आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। वहीं विभाग के स्टॉल में वन अधिकार अधिनियम थीम पर आधारित क्विज पोर्टल से आम नागरिक वन अधिकार से संबंधित जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।

स्टॉल में वन अधिकार अधिनियम से संबंधित कंप्यूटर के माध्यम से एक क्विज पोर्टल भी तैयार किया गया है, जिसमें कोई भी व्यक्ति अपना मोबाइल नंबर एवं अपना नाम इंटर कर एक बार हिस्सा लेकर वन अधिकार अधिनियम से संबंधित प्रश्नों का सही-सही उत्तर देकर अपनी जानकारी का परीक्षण कर सकता है। विभागीय प्रदर्शनी में वन अधिकार पट्टा प्राप्त करने के प्रत्येक चरण की जानकारी विस्तार से प्रदर्शित की गई है। इसके अलावा सामुदायिक वन अधिकार पत्र और सामुदायिक वन संसाधन अधिकार की जानकारी का प्रदर्शन चित्रों के माध्यम से सजीव तरीके से किया गया है, जो लोगों को आसानी से समझ में आ रहा है। इसके अलावा वन अधिकार अधिनियम से संबंधित एक चित्र प्रदर्शनी भी लगाई गई है।
प्रदर्शनी में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान की उपलब्धियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इसके अंतर्गत आदिम जाति अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान द्वारा अनुसंधान के क्षेत्र में विगत वर्षों में जितने भी प्रकाशन किए गए हैं उन सब से संबंधित बुकलेट का प्रदर्शन किया गया है। प्रकाशित सामग्री प्रतियोगी परीक्षा देने वाले युवाओं को आकर्षित कर रही है। प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी को भी प्रदर्शित किया गया है। इस प्रकार राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव एवं राज्योत्सव-2022 में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग द्वारा प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *