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रावण के दहन पर जय श्री राम से गूंजा मैदान, मुख्यमंत्री बघेल ने किया पुतलों का दहन, अरुण गोविल-दीपिका रहे मौजूद

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  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कहा- असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है दशहरा
  • छत्तीसगढ़ माता कौशल्या की जन्मभूमि और राम का ननिहाल है
  • भगवान राम का छत्तीसगढ़ से रहा है गहरा नाता
  • मुख्यमंत्री बघेल राजधानी रायपुर के डब्ल्यूआरएस मैदान में आयोजित दशहरा उत्सव में हुए शामिल
  • टीवी सीरियल रामायण के पात्र श्रीराम व माता सीता ने भी कार्यक्रम में शिरकत की

रायपुर: मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज डब्ल्यूआरएस मैदान में आयोजित दशहरा उत्सव में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने रावण, कुंभकर्ण और मेघनाथ के पुतले का दहन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि दशहरा का पर्व असत्य पर सत्य की जीत, अंधकार पर प्रकाश की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत का पर्व है। यह पर्व हमें अपने अहंकार तथा बुराई को समाप्त कर अच्छाई तथा सत्य की राह पर चलने की सीख देता है। जब तक हमारे समाज, आस-पास तथा स्वयं में जो बुराई है, वह समाप्त नहीं होगी तब तक हम और हमारा समाज आगे नहीं बढ़ पाएगा। इसलिए समाज में अहंकार, बुराई तथा असत्य के प्रतीक रावण का नाश जरूरी है, तभी हम आगे बढ़ पाएंगे।

रावण के पुतले का दहन

मुख्यमंत्री ने अपने उद्बोधन की शुरुआत भगवान राम का जयकारा लगाकर की। उन्होंने कहा कि भगवान राम का छत्तीसगढ़ से गहरा नाता रहा है। दक्षिण कोसल के नाम से ख्यात छत्तीसगढ़ ही माता कौशल्या की जन्मभूमि है। इस लिहाज से छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल है। भगवान राम ने बाल्यकाल का समय भी छत्तीसगढ़ में बिताया। अपने 14 वर्ष के वनवास काल में भी अधिकांश समय लगभग 10 वर्ष भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में बिताए। छत्तीसगढ़ के कोरिया क्षेत्र के सीतामढ़ी हरचौका में माता सीता ने रसोई पकायी थी। यहां भगवान राम ने शिवरीनारायण में माता शबरी से जूठे बेर खाए थे। इस कारण वे शबरी के राम हैं और माता कौशल्या के कारण वे कौशल्या के राम हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ का जनमानस आज भी भांजे के रूप में भगवान श्री राम को देखता है और इसी कारण केवल छत्तीसगढ़ में मामा द्वारा भांजे की चरण स्पर्श करने की परंपरा है।

टीवी के राम-सीता का जोरदार स्वागत

दीपिका बोलीं, मैं हूं न छत्तीसगढ़ की बहू

दीपिका ने कहा, मुझे यह तो पता था कि यहां भगवान राम की ननिहाल है। हम चंदखुरी में माता कौशल्या के मंदिर गए। वहां लोगों ने पूछा कैसा लगा भगवान राम की ननिहाल आकर। मैंने कहा, यह क्यों नहीं पूछते कैसे लगा ससुराल आकर। मैं हूं न छत्तीसगढ़ की बहू। यह दशहरा बताता है कि, हमें अपने अंदर के रावण को हटाना है और एक अच्छा नागरिक और व्यक्ति बनना है।

राम दुनिया का सबसे छोटा सा शब्द, लेकिन इसकी गहराई बहुत: अरुण गोविल
इस मौके पर टीवी सीरियल रामायण में भगवान श्रीराम का किरदार निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल ने मौजूद जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि, राम दुनिया का सबसे छोटा सा शब्द है, लेकिन इसकी गहराई बहुत है। राम सुनने में मीठा लगता है, तो बोलने में पावन। राम को एक बार कहा जाए तो ईश्वर का स्मरण होता है, दो बार राम-राम बोलने पर संबोधन, तीन बार राम का उच्चारण संवेदना को प्रदर्शित करता है और चार या अधिक बार लगातार बोलने पर यह भजन का रूप ले लेता है।

इस मौके पर उन्होंने रामायण सीरियल के एक संवाद के जरिये सत्य, धर्म और नीति की सीख देने का प्रयास किया। वहीं माता सीता के किरदार को जीवंत करने वाली अभिनेत्री श्रीमती दीपिका चिखालिया ने एक तरह से छत्तीसगढ़ को अपना ससुराल बताया। उन्होंने रावण में विद्वता के बावजूद आसुरी गुण और राम के चरित्रवान होने की बात कहते हुए कहा कि चरित्र, सद्कर्म, धर्म की जीत हमेशा होती है।

कार्यक्रम को छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल के अध्यक्ष श्री कुलदीप जुनेजा, रायपुर नगर निगम के महापौर श्री एजाज ढेबर ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक, डीआरएम श्री श्यामसुंदर गुप्ता समेत मुख्यमंत्री श्री बघेल के परिजन व गणमान्य नागरिक मंचस्थ थे।

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