देश दुनिया वॉच

कर्मचारी ने दी जान, सुसाइड नोट में सामने आई ये बाते

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली. उनकी लाश बीएड विभाग के क्लास रूम में फंदे से लटकते हुए मिली. अन्य कर्मचारियों ने जब क्लास रूम में शव लटकता हुआ देखा तो इसकी सूचना कैंट पुलिस को दी. मौके पर पहुंचकर कैंट पुलिस ने लाश को नीचे उतारा और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. जानकारी के मुताबिक, महाराजगंज जिले के श्यामदेउरवा थाना क्षेत्र स्थित पिपरपाती निवासी विभूति प्रसाद (56) गोरखपुर विश्वविद्यालय में चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी थे. वह रुस्तमपुर में रहते थे. पुलिस ने बताया कि डीडीयू विश्वविद्यालय में पं. दीनदयाल उपाध्याय की जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय (24-26 सितम्बर) तक ‘राष्ट्रीय चेतना उत्सव’ के मद्देनजर सभी शिक्षकों व कर्मचारियों की छुट्टी कैंसिल कर दी गई है. इसके बदले उन्हें प्रतिकर अवकाश (compensation leave) दिए जाने की घोषणा की गई थी. इस कार्यक्रम में तीनों दिन सभी को विश्वविद्यालय पहुंचना अनिवार्य था. रविवार को सभी शिक्षक व कर्मचारी जहां कार्यक्रम चल रहा था, वहां पहुंचे थे. बीएड विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी विभूति प्रसाद भी पहुंचे थे. विभूति ने भी सुबह विभाग खोलकर बायोमीट्रिक अटेंडेंस भी लगाई थी. विभूति की जेब से पुलिस ने जो सुसाइड नोट बरामद किया है, जिसमें लिखा था, ”मैं सुसाइड नोट इसलिए लिख रहा हूं ताकि लोगों को पता चले कि मैं फांसी क्यों लगा रहा हूं. मेरी पत्नी की मृत्यु हो चुकी है, मैं दो साल से पेट के रोग से परेशान हूं, मेरे पेट में कैंसर हो गया है. काफी दर्द रहता है इसलिए मैं आत्महत्या कर रहा हूं.” विभूति प्रसाद के दो बच्चे हैं. उन्होंने बताया कि उनके पिता कई दिनों से परेशान चल रहे थे. लेकिन बहुत कुछ शेयर नहीं करते थे. हमें अब भी यकीन नहीं हो रहा है कि पिता ऐसा कदम उठा लेंगे. उधर, एसपी सीटी कृष्ण कुमार विश्नोई ने बताया कि फिलहाल शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. आगे की कार्रवाई जारी है. डीडीयू विश्वविद्यालय के स्टाफ और विभूति प्रसाद के परिवार से भी पूछताछ की जा रही है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *