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आरोप: अधोसंरचना मद से पालिका में पांच करोड़ के कार्य मिले…ज्यादातर स्वीकृति कांग्रेसी वार्डो में, बीजेपी पार्षदों के साथ भेदभाव

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डोंगरगढ़-  राज्य सरकार ने प्रदेश के नगरीय निकायों में विकास कार्यों के लिए करोड़ो के कार्यों की स्वीकृति दी है। जिनमें डोंगरगढ़ नगर पालिका भी शामिल है। यहां पर अधोसंरचना मद से 24 वार्डो में पांच करोड़ रुपए के 99 कार्य सेंशन हुए है। लेकिन वार्डों में राशि आवंटन को लेकर बीजेपी-कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है। बीजेपी पार्षदों का आरोप है कि कांग्रेसी पार्षद वाले वार्डो में ज्यादातर राशि मिली है, जबकि बीजेपी वार्डों में स्वीकृति देकर महज औपचारिकता पूरी की गई है। बता दे कि कांग्रेसी पार्षदों वाले वार्डो में 30-35 लाख रुपए तक के कार्य होने है। वहीं बीजेपी वार्डो में 15-20 लाख रुपए तक ही देकर भेदभाव कर दिया गया। बीजेपी पार्षदों का कहना है कि उनके अधिकतर प्रस्ताव को शामिल ही नहीं किया गया है, जिनमें 20-25 लाख तक के कार्य भी शामिल थे। विकास कार्यों में भी राजनीतिक भेदभाव कर ओछी राजनीति कांग्रेसियों ने की है। जिसे लेकर बीजेपी के पार्षद एकजुट होकर शहर सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की तैयारी कर रहे हैं। केवल सड़क, नाली में ही फूंक रहे पांच करोड़- अधोसंरचना मद में स्वीकृत पांच करोड़ रुपए केवल सड़क व नाली निर्माण में ही खर्च किए जाएंगे। इनमें बीटी रोड से लेकर सीसी, आरसीसी, चेकर-पेवर ब्लॉक, नाली आदि कार्य शामिल है। लगातार वाटर लेवल गिरने के बाद भी 24 पार्षदों ने सीसी व आरसीसी रोड का ही प्रस्ताव दिया है। इनमें तो अधिकतर ऐसे भी रोड है जो महज एक-दो साल पहले ही बनें थे और अब फिर से दोबारा नया निर्माण किया जाएगा। सड़क खराब बनें तो भी ठेकेदारों पर जिम्मेदारी तय नहीं, संरक्षण ही दे रहे अफसर-जनप्रतिनिधि- अधोसंरचना मद में प्रस्ताव देने की बारी आई तो सभी पार्षदों ने सड़क व नाली निर्माण के लिए लाखों रुपए के प्रस्ताव दे दिए। लेकिन पूर्व में हुए निर्माण कार्यों में गुणवत्ता दरकिनार होने की वजह से सड़क व नाली उखड़ व टूट गए हैं। जिसे लेकर किसी भी जनप्रतिनिधि व अफसरों ने कार्रवाई नही की और न ही आवाज उठाया। अब उन्हीं खराब सड़को व नालियों को बनाने के लिए प्रस्ताव देकर स्वीकृति कराई है। नगर पालिका में इस तरह है पार्षदों की स्थिति- नगर पालिका में निर्दलीयों के समर्थन से कांग्रेस की सरकार है। एक तरह से निर्दलीय पार्षद भी कांग्रेसी हो गए हैं। इसका फायदा उन्हें मिला भी है। कांग्रेस व निर्दलीय पार्षद 12 है, जिनके वार्डो में 30-35 लाख रुपए तक के कार्य स्वीकृत हुए है। वहीं बीजेपी के भी 12 पार्षद है लेकिन इन वार्डो में 15-20 लाख रुपए तक ही मिले हैं। जिसे लेकर भेदभाव के आरोप शुरू हो गए हैं। जल्द ही बीजेपी के पार्षद आंदोलन की तैयारी में है। किसी तरह का भेदभाव नहीं किया, जो प्रस्ताव मिला उसी को भेजे हैं: अध्यक्ष- इस मामले में नगर पालिका अध्यक्ष सुदेश मेश्राम ने कहा कि पार्षदों ने जो प्रस्ताव दिया था उन्हीं को स्वीकृति के लिए भेजा गया था। यह कोई व्यक्ति विशेष नहीं बल्कि परिषद की बैठक में सर्वसम्मति से तय किया गया था। विपक्ष तो कुछ भी आरोप लगा सकता है।

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