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वैराग्य पथ पर अग्रसर हुई यशस्वी, मांगी आध्यात्मिक जीवन जीने बिदाई

बालोद। (स्वाधीन जैन )घर में जब बेटी पैदा होती है तो पढ़ा-लिखाकर अच्छे संस्कार देकर एक दिन उसे ससुराल के लिए बिदाई दी जाती है, लेकिन आज आपकी बेटी आपसे बिदाई चाह रही है ताकि अपने वास्तविक संसार में जा सके और जीवन को धर्म के क्षेत्र में उज्ज्वल कर सकें। मुझसे जाने-अन्जाने कुछ गलतियां हुई हो तो अपना बेटी समझकर माफ करना। ये भाव मुमुक्षु यशस्वी ने बड़ी संख्या में मौजूद श्रद्धालुओ के सामने हाथ जोड़कर व्यक्त किए और माफी मांगी। गौरतलब हो कि यशस्वी ढ़ेलडिया आगामी 03 अगस्त 2022 दिन बुधवार को राजस्थान के उदयपुर में संयम मार्ग का अनुशरण कर दीक्षा लेगी। आचार्य भगवन श्री रामलालजी म.सा. व उपाध्याय प्रवर श्री राजेश मुनिजी म.सा. के सानिध्य में लाडली बहन की दीक्षा उदयपुर राजस्थान में संपन्न होगा।

वैराग्य एवं संयम पथ पर अग्रसर हो गई बालोद की बेटी ●

बालोद निवासी मांगीलाल अनिता देवी ढेलड़िया की सुपुत्री यशस्वी ढेलड़िया वैराग्य एवं संयम पथ पर अग्रसर हो गई हैं। सांसारिक मोह माया त्याग कर कठोर वैराग्य पथ पर अग्रसर होने से पूर्व दुल्हन के लिबास में सजी इस बेटी के लिए समाज ने पलक पांवड़े बिछाए एक भव्य समारोह में संयम मार्ग पर विदाई दी। वैरागन बनने से पूर्व मुमुक्षु (मोक्ष की इच्छा रखने वाली) ने समाज के लोगों सहित अपने परिजनों व धर्म के परिजनों से क्षमा मांगी और वैराग्य के पथ पर चलने की अनुमति ली। अब 3 अगस्त को मुमुक्षु यशस्वी जीवन पर्यत जैन धर्म की सेवा करने की प्रतिज्ञा लेंगी।

दीक्षा के बाद दुनियाभर में रह रहे जैन समाज के लोग उन्हें वंदन करेंगे

इस मौके पर जैन समाज के लोगो ने कहा कि आज मुमुक्षु हमसे बिदा लेकर संयम मार्ग में जाने की अनुमति चाह रही है, लेकिन 3 अगस्त के बाद दुनियाभर में रह रहे जैन समाज के लोग उन्हें वंदन करेंगे। बालोदवासियों के लिए यह शुभ संयोग आया है। संयम मार्ग वह हाइवे है जिस पर चलकर व्यक्ति शाश्वत सुख की ओर बढ़ता है और देवत्व व पंचम गति को प्राप्त करता है। हर माता-पिता अपने बच्चों को सुसंस्कार दें ताकि बच्चे अपना जीवन सफल कर सकें।

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