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बीएसपी यूनियन चुनाव में लहराया भगवा…इंटक और सीटू को हराकर पहली बार बीएमएस का कब्‍जा

भिलाई। Bhilai Steel Plant Union Election: भारतीय इस्पात प्राधिकरण सेल के सबसे बड़े संयंत्र भिलाई इस्पात संयंत्र में औद्योगिक विवाद अधिनियम लागू होने के बाद 19 साल में पहली बार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ समर्थित भारतीय मजदूर संघ को मान्यता मिली है। इसके पूर्व तक दो बार वामपंथी विचारधारा की सीटू और कांग्रेस समर्थित इंटक का एक बार वर्चस्व रहा है। इसके पूर्व तक 35 वर्षों से इंटक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव कर मान्यता में हुआ करती थी। पहली बार राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ समर्थित बीएमएस को मान्यता मिलने से भगवाधारियों में भारी उत्साह है। अब अगले दो वर्षों तक यानी सन् 2024 तक भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मचारियों को लेकर होने वाले सभी निर्णय बीएमएस की सहमति के बाद लागू किए जाएंगे। चुनाव में बीएमएस को कुल 11612 मतों में से 3584 मत मिले।

भिलाई इस्पात संयंत्र मान्यता यूनियन चुनाव में देर रात 1 बजे तक मतगणना जारी था। तब तक स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई थी। तीन प्रमुख यूनियन इंटक, बीएमएस एवं सीटू के वोटों को अलग कर अलग डिब्बे में डाल दिया गया था। संभावना है कि रात 2 बजे के करीब इन वोटों की गिनती पूरी हो पाई। जिसके बाद चुनाव अधिकारी सहायक श्रमायुक्त आरके पुरोहित ने बीएमएस को मान्यता चुनाव में सर्वाधिक मत मिलने की घोषणा करते हुए प्रमाण दिया। इसके बीएमएस के समर्थकों के बीच उत्साह का माहौल बन गया और वे फटाके चलाने लगे।

 

शनिवार को हुए मतदान के बाद भिलाई इस्पात संयंत्र के एचआरडीसी (मानव संसाधन एवं विकास केंद्र) भवन में कुल 11605 मतों की गिनती का काम रात आठ बजे से शुरू हुई। चुनाव में शामिल सभी नौ यूनियन के प्रतिनिधियों के सामने निर्वाचन अधिकारी आरके पुरोहित ने मतपेटी खुलवाई। इसके बाद 50-50 मतपत्रों की बंडलिंग का काम शुरू हुआ। इसके लिए कुल आठ टेबल पर 40 कर्मचारियों की टीम लगाई गई। इसमें करीब पौने दो घंटे लग गए। रात 11 बजे के करीब डाक मतपत्रों की गिनती शुरू की गई। इसके बाद बंडल के मतपत्रों की गिनती शुरू की गई। इस दौरान मतपत्रों की गिनती के साथ ही यूनियन नेताओं के चेहरे के रंग बदलते जा रहे थे। कम मत पाने वाले यूनियन के प्रतिनिधि गणना पूरी होने से पहले ही वहां से निकल गए थे। कुल 10 डाक मतपत्रों में से सात मत आए। इसमें बीएमएस को दो और सीटू को चार मत मिले। एक मतपत्र रिजेक्ट हो गया।

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