सुधीर तिवारी/ बिलासपुर। पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार मुंगेली जिले के करही निवासी अनिल
कुमार पाठे उम्र 30 वर्ष को 2018 में अपहरण के केस में
कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके
बाद से वह केंद्रीय जेल में सजा काट रहा है। उसके जेल
में रहते हुए परिजनों ने उसे पैरोल पर छोड़ने की मांग
की थी। इसके बाद जेल महानिदेशक के आदेश पर
अनिल को 11 जुलाई को 18 दिन के पैरोल पर छोड़ा
गया था। 28 जुलाई तक पैरोल में होने के बाद 28 उसे शुक्रवार
की शाम को जेल लौटना था। देर शाम तक वह जेल
नहीं पहुंचा, तब जेल प्रबंधन ने उसके परिजनों को कॉल
किया और अनिल पाठे के जेल वापसी की जानकारी
मांगी। परिजनों ने जो जवाब दिया उसे सुनकर जेल
प्रबंधन भी हैरान रह गया। परिजनों के मुताबिक उसे देर शाम शुक्रवार को जेल गेट तक छोड़ा गया था| परिवार वालों की यह बात सुनकर जेल प्रबंधन ने सीसीटीवी खंगाला, उसके पश्चात यह स्पष्ट हो गया कि कैदी जेल गेट के सामने से फरार हुआ है| इसके बाद जेल के मुख्य प्रहरी श्रीधर कुमार ने उसके फरार होने की सूचना पुलिस को दी और रिपोर्ट दर्ज कराई| प्लीज रिकार्ड के अनुसार अनिल कुमार पाठे को 2018 में अपहरण के केस में कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सरकंडा के झगड़ा पारा में रहने वाली मेडिकल स्टोर के संचालक विनोद केसरवानी के दो बेटे हर्ष और विक्की ड्रीमलैंड स्कूल में पढ़ते थे। मेडिकल स्टोर के सामने ही आकाश यादव नाम का एक युवक मूंगफली का ठेला लगाता था। आकाश ने ही हर्ष और विक्की की अपहरण की योजना बनाई थी। अपहरण करने के बाद आरोपियों द्वारा दो करोड़ रुपए की फिरौती भी मांगी गई थी पर पुलिस के दबाव के वजह से उन्होंने दोनों बच्चों को बस में बैठा कर छोड़ दिया था बच्चे सुरक्षित मंगला चौक पर उतर गए थे। पुलिस ने इस मामले में अनिल और आकाश समेत कुल 7 लोगों को आरोपी बनाया था। फिलहाल पुलिस इस फरार मुजरिम की तलाश कर रही है।
बिलासपुर सेंट्रल जेल के गेट से पैरोल पर लौटा कैदी हुआ फरार
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