रायपुर वॉच

इस्तीफा विवाद पड़ा ठंडा, सुलह सफाई के संकेत

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0 दिल्ली दरबार के लिए यह विवाद गैरजरूरी
0 सिंहदेव नहीं मिल पाए, भूपेश समय नहीं मांगे
0 सोनिया से 28 को हो सकती है टीएस की भेंट

रायपुर। पंचायत मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से दिल्ली, गुजरात और मध्यप्रदेश प्रवास में रहे भूपेश केबिनेट के कद्दावर मंत्री टीएस सिंहदेव जल्द लौटेंगे। उनके इस्तीफे के बाद से सूबाई सियासत में जो बवाल और प्रक्रिया को लेकर विवाद उठा था वह फिर शांत हो गया है। ऐन मानसून सत्र के चंद रोज़ पहले इस्तीफा देकर सभी को चौंकाने वाले सूबे के दूसरे नंबर के मंत्री सत्र अटेंड करने से ज़्यादा गुजरात प्रवास और हाईकमान से मुलाकात का समय लेने में मसरूफ रहे। हालांकि उन्होंने सदन से अनुमति लेकर सत्र में उपस्थित नहीं होने की मज़बूरी बता दी थी और विस अध्यक्ष ने अनुमति भी दे दिया था। लेकिन सियासी हलकों में इसे लेकर तरह तरह के कयास लगाए जा रहे थे।जानकारी के मुताबिक सिंहदेव से आलाकमान की जुलाई को होने की उम्मीद है। विपक्ष ने भी सत्र के पहले दिन से ही इस मामले पर हंगामा बरपा किये था। सत्र के बिच ही सिंहदेव के इस्तीफा स्वीकारने और उनके पंचायत विभाग का दायित्व वरिष्ठ मंत्री रविंद्र चौबे को सौंप दिया गया। इसके फ़ौरन बाद बीच सत्र के मुख्यमंत्री के दिल्ली रवानगी की खबर के बाद फिर कयासों का बाजार गर्माने लगा था।

तुर्रा यह कि उस वक्त सीएम और सिंहदेव दिल्ली में ही रहे। खुद सिंहदेव ने पुष्टि किये और कहा था की वे हाईकमान से मुलाकात करने आए है तथा मिलने का समय मांगे है। जबकि भूपेश बघेल ने साफ कर दिया था की वे हिमांचल प्रदेश के ऑब्ज़र्वर हैं और बैठक लेंगे दिल्ली में, उन्होंने यह भी कहा कि आलाकमान से उन्होंने कोई समय नहीं मांगा है। मुलाकात के लिए प्रतीक्षारत सिंहदेव भी भोपाल आ गए थे और संभवतः मानसून सत्र के अवसान से पूर्व ही प्रदेश लौट आएं। सियासी सूत्रों का दवा है कि पंचायत मंत्री पद से टीएस के इस्तीफे के बाद मामले में सुलह सफाई के संकेत और आपसी बातचीत कर प्रदेश और पार्टीहित के लिए मिलकर काम करने की सलाह दी गई है। दिल्ली दरबार के वरिष्ठ नेता ने हिदायत के साथ जल्द आपसी समन्वय के लिए एक बैठक और फिर दिल्ली दरबार में हाज़री के संकेत दिए है।

भाजपा की पैनी नज़र, कांग्रेस के लिए गैरजरूरी मुद्दा

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस नेतृत्व के बीच चल रही अंदरूनी रार पर जहां भाजपा पैनी नजर बनाए है, वहीं सीएम भूपेश बघले और उनके नेता इस विवाद को गैरजरूरी बताते हुए जवाब देने से बच रहे हैं। सीएम भूपेश बघेल रविवार को दिल्ली दौरे पर थे तो दिल्ली आने को लेकर सवाल पर उन्होंने कहा कि वह यहां कांग्रेस हाई कमान से मिलने नहीं आए हैं। बघेल ने बताया कि वे हिमाचल प्रदेश के नेताओं से मिले और राज्य में होने वाले चुनावों को लेकर चर्चा की।

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