प्रांतीय वॉच

नगर में व्हाट्सएप और टैक्स मैसेज के माध्यम से खेला जा रहा सट्टा

नवागढ़ संजय महिलांग

बेमेतरा जिले के नगर पंचायत नवागढ़ में अब पुनः एक बार फिर से सट्टे का अवैध कारोबार फलने फूलने लगा है। विश्वस्थ सूत्रों की माने तो स्थानीय लोगों की मदद से सट्टे का कारोबार तेजी से चल रहा है। नवागढ़ में लंबे समय से यह कारोबार का संचालन हो रहा था लेकिन पुलिस की लगातार कार्यवाही करने के कारण से कुछ दिन तक पूरा बंद हो गया था।

सट्टा का असर युवाओ और महिलाओं पर साफ दिखाई दे रहा है जहां युवा वर्ग के लोग सट्टा एवं जुआ जैसे संगीन अपराध में संलिप्त हो रहे हैं, लेकिन इस अपराध को रोकने में नवागढ़ पुलिस लगी हुई हैं लेकिन सट्टे का कारोबार नये नये तरीके से खाईदार मोबाईल में हिडन एप्पलीकेशन का उपयोग करके बच जाते है

खास जगह पर जैसे बस स्टैंड और तिलकापारा में खुलेआम सट्टे का कारोबार चल रहा है। पुलिस कार्यवाही भी करती है लेकिन सट्टे का कारोबार फिर चालू हो जाता है जबकि हकीकत यह है कि सटोरियों के कारनामों को जानने के बाद भी नये नये डिजिटल रूप से कारोबार चल रहा है और यही वजह है कि यह कारोबार नवागढ़ के अलग अलग वार्डो में फल फूल रहा है।

पूरे नगर को सट्टे ने अपनी चपेट में एक बार फिर से लिया है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लोग अब खुलेआम मोबाइल नंबर से ऑनलाइन सट्टा खेल रहे हैं और उनमें पुलिस का भी कोई डर नहीं नजर आता। वही नगर की तंग गलियों में काफी लोग सट्टे के धंधे में लगे हुए हैं। क्योंकि जिस तरह लोग खुलेआम सट्टा लगा रहे हैं, खबर तो यह भी है कि एक बार यह कारोबार बंद होने के बाद फिर यह कारोबार दोबारा चालू हुआ है।

माना जा रहा है कि नगर में रोजना लाखों रुपए का सट्टा खेला जा रहा है। नगर में चल रहे इस कारोबार को इलाके के सूत्रों की माने तो नवागढ़ में ही प्रतिदिन लाखों का कारोबार होता है, जबकि अन्य क्षेत्रों से भी अवैध कमाई इस कारोबार से की जा रही है।

जानकारों की मानें तो सट्टा व्यापार के लालच में फंसकर कई लोग अपनी किस्मत आजमाते है। बाद में इसमें फंसकर अपना सबकुछ भी गवां बैठते है। पुलिस इस अवैध कारोबार में लिप्त लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं करती है, कार्यवाही न होने की वजह से इस गोरखधंधे पर पूरी तरह अंकुश नही लग पा रहा है और अवैध कारोबार में लिप्त गिरोह के लोगो के हौंसले बुलंद हैं। शहर में यह कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। सूत्रों के मुताबिक लोग फोन पर अपना नंबर बताते लिखवाते हैं और नंबर आने पर इन्हीं सट्टा खाईवाल एजेंटों के माध्यम से पैसे का लेन-देन किया जाता है।

सट्टा खेलने वाले हो रहे कंगाल

जीरो से लेकर नौ नंबर तक सट्टा चलता है और नेट पर एक ही नंबर आता है,जिससे वह नंबर फंसता है लेकिन अन्य बाकी खिलाडियों के रुपये जिनके नंबर नहीं फंसते उनका सीधा रुपये सट्टा माफियाओं की जेब में जाता है। अब इस कारोबार का जाल पूरे शहर में फैल चुका है। ऐसा नहीं है कि पुलिस सट्टे, जुएं के इस अवैध कारोबार पर अंकुश लगाने में लगी है। कुछ पुलिस अधिकारी ऐसे भी आएं जिन्होंने सट्टे के कारोबार को पूरी तरह बंद करा दिया था। अब देखना यह है कि इस कारोबार पर फिर पूर्णतः अंकुश लग पाता है या नहीं। या फिर छोटे एजेंटों को पकड कर बडे खाईवालों को बचाने का प्रयास किया जाता है।

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