रोहित वर्मा
खरोरा : क्षेत्र के किसान नेतृत्व एवं सहकारी समिति के अध्यक्ष योगेश चंद्राकर ने कहा है कि प्रदेश के किसानों को अगर जैविक खेती के रूप में अग्रणी बनाए रखना है तो छत्तीसगढ़ सरकार को अन्य उर्वरक सब्सिडी के आधार पर वर्मी कंपोस्ट खाद पर डायरेक्ट किसानों को सब्सिडी दें क्योंकि अगर वर्मी कंपोस्ट में सब्सिडी दिया जाए तो किसान जैविक खेती की ओर और अधिक संभल बनेंगे वर्तमान स्थिति में रासायनिक उर्वरकों खाद की किल्लत से भी किसानों को छुटकारा मिलने की उम्मीद है उसी तरह से उर्वरक मंत्रालय केंद्र सरकार डीएपी यूरिया की भांति पोटाश खाद पर भी सब्सिडी प्रदान करें वर्तमान में डीएपी की मूल कीमत ₹2400 प्रति बोरी हैं जिसमें की केंद्र सरकार द्वारा कंपनी को सब्सिडी प्रदान किए जाने बाद किसानों को 1350 रुपए में उपलब्ध होता है 1 साल पहले ₹850 में मिलने वाली पोटाश खाद आज 1700 से 1800 रुपए दोगुना दर पर किसानों को उपलब्ध हो पा रहा है किसान नेतृत्व चंद्राकर ने कहा है कि जिस तरह से सरकारे कृषि नीति बनाते हैं उसी तरह से अब किसानों के लिए कृषि योजना आयोग का अलग से गठन करें जिससे देश एवं प्रदेश के किसानों को और अधिक आर्थिक स्वालंबन की ओर अग्रणी बना सकें श्री चंद्राकर ने संदेह प्रकट करते हुए कहा है कि कमीशन बाजी के कारण कंपनियों को सब्सिडी दिया जाता है जैसे कि ट्रैक्टर एवं अन्य कृषि यांत्रिकी उपकरण बाजार में नगद मूल्य पर खरीदने पर कम दाम में उपलब्ध हो जाता है और उसी सामग्री को सब्सिडी या ऋण लेकर प्राप्त करने पर कृषि सामग्री का कीमत 10 से 20% और अधिक कीमत पर बेचा जाता है वर्तमान में देश एवं प्रदेश के समस्त किसान आर्थिक तंगी झेल रहा है किसानों को राहत पहुंचाने के लिए कृषि संबंधी समस्त कृषि यंत्र की सामग्री पर जीएसटी सहित सभी प्रकार के टैक्स को फ्री करना चाहिए और जब टैक्स ले भी रहे हैं तो किसानों का उत्पादन लागत में मुनाफा जोड़कर खरीदी बिक्री की व्यवस्था की जाए