बिलासपुर। राज्य नि:शक्तजन स्रोत संस्थान में एक हजार करोड़ से अधिक के घोटाले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका में उस समय नया मोड़ आ गया जब याचिकाकर्ता ने अपने वकील के जरिए आवेदन पेश कर ईडी को पक्षकार बनाने की मांग की है। डिवीजन बेंच ने अगली सुनवाई के लिए 16 जून की तिथि तय कर दी है। बेंच ने प्रारंभिक सुनवाई के दौरान ही सीबीआइ जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।
रायपुर कुशालपुर निवासी कुंदन सिंह ठाकुर ने प्रदेश के वर्तमान और रिटायर्ड आइएएस अफसरों के द्वारा एनजीओ के नाम पर करोड़ो स्र्पये के घोटाला करने का आरोप लगाते हुए जनहित याचिका दायर की है। इसमें बताया है कि उसे एक शासकीय अस्पताल राज्य स्त्रोत नि:शक्त जन संस्थान में कार्यरत बताते हुए उसके नाम से फर्जी तरीके से वेतन का आहरण किया जा रहा है।
फर्जीवाड़ा की जानकारी मिलने के बाद सूचना के अधिकार के तहत आवेदन पेश कर जानकारी मांगी। इसमें पता चला कि नया रायपुर स्थित इस अस्पताल को एक एनजीओ द्वारा चलाया जा रहा है। इसमें करोड़ों की मशीनें खरीदी गई हैं। रखरखाव में भी करोड़ों का खर्च आना बताया गया है। फर्जीवाड़ा के खुलासा के बाद वर्ष 2017 में याचिकाकर्ता ने वकील देवर्षि ठाकुर के जरिए याचिका दायर की थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए डिवीजन बेंच ने याचिकाकर्ता के वकील को जनहित याचिका दायर करने और छत्तीसगढ़ शासन के मुख्य सचिव को प्रमुख पक्षकार बनाने के निर्देश दिए थे।