रायपुर वॉच

अनियमित दिनचर्या और खान-पान की आदतों से मधुमेह का खतरा

Share this

रायपुर। आजकल की भाग-दौड़ भरी जिंदगी में खुद की सेहत का ख्याल रखना चुनौतीपूर्ण हो गया है। आधुनिक जीवन-शैली, अनियमित दिनचर्या और खान-पान की खराब आदतों के कारण कम उम्र में ही कई तरह की बीमारियां घेर रही हैं। डायबिटीज यानि मधुमेह भी तेजी से बढ़ रही इसी तरह की बीमारी है। यह न केवल उम्रदराजों को, बल्कि युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही है। संयमित खान-पान और स्वस्थ जीवन-शैली अपनाकर इससे बचा जा सकता है।
राज्य शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में गैर-संचारी रोग के नोडल अधिकारी डॉ. महेंद्र सिंह ने बताया कि मधुमेह या डायबिटीज हमें तब होता है जब हमारे शरीर के हार्मोन इंसुलिन या कहें तो रक्त शर्करा या ग्लूकोज की मात्रा हमारे शरीर के साथ सही तालमेल नहीं बिठा पाती है। ज्यादातर खराब जीवन-शैली के कारण यह होता है। मधुमेह दो प्रकार का होता है। टाइप-1 डायबिटीज बच्चों में पाया जाता है। इसमें शरीर में इंसुलिन की सेंसिटिविटी (स्द्गठ्ठह्यद्बह्लद्ब1द्बह्ल4) खत्म हो जाती है जिससे शरीर का मेटाबॉलिक सिस्टम खराब हो जाता है और शुगर का लेवल बढऩे लगता है।
डॉ. सिंह ने बताया कि टाइप-2 डायबिटीज अधिकांशत: 40 वर्ष या इससे अधिक आयु के लोगों में होता है। इसमें शरीर को जितनी इंसुलिन की आवश्यकता होती है, इंसुलिन की उतनी मात्रा शरीर को नहीं मिल पाती है। गर्भावस्था के दौरान भी मधुमेह हो जाता है जो कि एक सीमित समय के लिए होता है और समय के साथ वह ठीक भी हो जाता है। परिवार में माता-पिता या भाई-बहन में किसी को मधुमेह है तो अन्य रक्त संबंधियों के भी इससे पीडि़त होने की आशंका होती है।
मधुमेह के लक्षण
ज्यादा प्यास लगना, ज्यादा भूख लगना, वजन का असामान्य रूप से ज्यादा या कम होना, थकान या कमजोरी महसूस होना, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, नींद न आना, आंखों की रोशनी का कमजोर होना या धुंधला दिखना, हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन, बार-बार पेशाब होना या पेशाब का संक्रमण होना, चोट या घाव का देर से भरना या ठीक न होना मधुमेह के सामान्य लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखाई देने या महसूस होने पर अपने निकटतम शासकीय स्वास्थ्य केंद्र जाकर मधुमेह की नि:शुल्क जांच अवश्य कराएं।
मधुमेह से बचाव
मधुमेह से बचाव के लिए नियमित व्यायाम या योग जरुर करना चाहिए। समय पर संतुलित भोजन मधुमेह से बचाव के लिए बहुत आवश्यक है। अधिक घी-तेल वाले भोजन का सेवन करने से भी मधुमेह का खतरा बढ़ता है। भोजन में अनाज, दालें, हरी-पत्तेदार सब्जियां, मौसमी सब्जी, ताज़े मौसमी फल, दूध व दही से बनी चीजों का सही मात्रा में सेवन करना चाहिए। रेशेदार भोजन भी पर्याप्त मात्रा में लेना चाहिए। रोजाना 10-12 गिलास पानी जरुर पिएं। अपने भोजन में अंकुरित अनाज को शामिल करें। शराब से परहेज करें।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *