रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल छत्तीसगढ़ की कला, संस्कृति और परंपरा के संरक्षण और संवर्धन के लिए भरसक प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ी संस्कृति और लोक परंपराओं, तीज-त्योहारों को बढ़ावा देने के लिए शाससकीय अवकाश घोषित किया है। वहीं तीज-त्योहार को प्रोत्साहन देने के लिए कार्यक्रमों का आयोजन भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने 01 मई को मजदूर दिवस को बोरे बासी के स्वास्थ्य और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए लोगों को बासी खाने अपील की है। मुख्यमंत्री के आव्हान पर संस्कृति विभाग द्वारा छत्तीसगढ़ी संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 01 मई को मजदूर दिवस के अवसर पर संस्कृति विभाग के परिसर स्थित गढ़ कलेवा में 1 मई से ‘बोरे बासी थाली’ का शुभारंभ करने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि बोरे बासी रात में पके हुए चावल को रातभर पानी में भिगोकर सुबह पूरी तरह भीग जाने पर भाजी, टमाटर चटनी, टमाटर-मिर्ची की चटनी, प्याज, बरी-बिजौरी एवं आम-नींबू के आचार के साथ मजे से खाया जाता है।
गढ़ कलेवा में 1 मई से ‘बोरे बासी’ थाली का शुभारंभ
