लोरमी। तेंदूपत्ता प्रबंधकों और तेंदू फड़ मुंशीयों का संयुक्त संघ लगातार 12 दिनों से अपनी जायज मांगों को लेकर जिला संघ बिलासपुर के सामने अनिश्चितकालीन धरना पर बैठा है। लेकिन विभागीय अधिकारी उनकी मांगों पर अमल नहीं कर रहे हैं। इस हड़ताल से पूरे राज्य में प्रबंधन संघ और फड़मुंशी संघ में आक्रोश की स्थिति है। जिससे तेंदूपत्ता वनोपज संग्रहण डाटा एंट्री कार्य एवं 2022 सीजन की महेंद्र कर्मा बीमा योजना बुरी तरह प्रभावित हो रही है, फिर भी शासन प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है। आपको बता दें कि पिछले 34 वर्षों से गरीब आदिवासी सरकार की पूरी कार्य जिम्मेदारी के माध्यम से लगातार करोड़ों का राजस्व सरकार को उपलब्ध करा रहे हैं। जिसमें कई महत्वपूर्ण योजनाएं चलाकर तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को लाभ पहुंचा रहे हैं। लेकिन प्रबंधक खुद भूख से मरने को मजबूर हैं। साथ ही 34 साल से उनका नियमितीकरण नहीं हो रहा है और उन्हें उचित मानदेय भी नहीं मिल रहा है। तेंदूपत्ता फड़मुंशी को साल भर बिना मानदेय के काम पर लगाया गया है। एक वर्ष पूर्व प्रबंधन को नियमित करने के लिए माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर के आदेश द्वारा प्रबंधन को नियमितीकरण का वादा दिया गया था, जिसके लिए राज्य संघ ने एक समिति तैयार कर 3 महीने के भीतर करने को कहा था। इसका आज तक पालन नहीं किया गया। उक्त सभी बातों को देखते हुए राज्य तेंदूपत्ता प्रबंधक संघ एवं फड़मुंशी संघ द्वारा अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान होने की संभावना है, फिर भी शासन प्रशासन गहरी नींद में सो रहा है।
फड़ मुंशी और तेंदूपत्ता प्रबंधकों के हड़ताल से : सरकार को करोड़ों का नुकसान
