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आज है राष्ट्रीय लोक सेवा दिवस, जानें इसका इतिहास और इस साल क्या है खास

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इस दिन, ‘लोक प्रशासन में विशिष्टता के लिए प्रधानमंत्री पुरस्कार’ (Prime Minister’s Awards for Excellence in Public Administration) प्रदान किये जाते हैं।पुरस्कार स्कीम में, देश भर में बड़ी संख्या में जिले भाग लेते हैं और काफी बड़े पैमाने पर इसका आयोजन किया जाता है।

सिविल सेवा (Civil Service) शब्द ब्रिटिश काल में आया था जब ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के नागरिक कर्मचारी प्रशासनिक नौकरियों में शामिल थे और उन्हें ‘लोक सेवक’ के रूप में जाना जाता था। इसकी नींव वॉरेन हेस्टिंग्स (Warren Hastings) द्वारा रखी गई और बाद में चार्ल्स कॉर्नवॉलिस (Charles Cornwallis) द्वारा और अधिक सुधार किए गए, इसलिए उन्हें “भारत में नागरिक सेवाओं के पिता” (“Father of Civil Services in India”) के रूप में जाना जाता था।

नेशनल सिविल सर्विस डे 21 अप्रैल को देश के इतिहास की एक बड़ी घटना को दर्शाने के लिए मनाया जाता है। स्वतंत्र भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1947 में दिल्ली के मेटकाफ हाउस में प्रशासनिक सेवा अधिकारियों के परिवीक्षाधीनों को संबोधित किया था और अपने संबोधन में, पटेल ने सिविल सेवकों को ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया’ के रूप में संबोधित किया था।

आज क्या है खास ( special )

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस वर्ष नई दिल्ली( new delhi) में विज्ञान भवन में पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में एक्सीलेंस के लिए प्रधान मंत्री अवॉर्ड प्रदान करेंगे। अवॉर्ड कार्यक्रम सुबह 11 बजे से शुरू होगा। पांच पहचाने गए प्राथमिकता कार्यक्रमों और पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन/सेवाओं के वितरण, आदि के क्षेत्र में इनोवेशन लिए कुल 16 पुरस्कार दिए जाएंगे।

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