बीते साल 3 अक्तूबर को उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लखीमपुर(lakhimpur ) खीरी जिले की यात्रा के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों में से चार किसान एक एसयूवी द्वारा कुचले जाने के बाद मारे गए थे। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष की जमानत रद्द कर दी। साथ ही शीर्ष कोर्ट इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दी गई जमानत निरस्त करते हुए आशीष मिश्रा को एक सप्ताह में सरेंडर करने का निर्देश दिया।
आपको बता दे कि सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट(supreme court ) ने हाईकोर्ट(highcourt ) के आदेश पर आपत्ति जताई थी जिसमें लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत देने के लिए प्राथमिकी और पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ‘अप्रासंगिक’ विवरण पर भरोसा किया गया था। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकी ल दुष्यंत दवे ने दलील दी थी कि हाईकोर्ट ने एसआईटी की रिपोर्ट के साथ-साथ चार्जशीट को नजरअंदाज कर दिया। उन्होंने यह कहते हुए जमानत रद्द(bail canceled ) करने की मांग की थी कि आरोप गंभीर हैं और गवाहों को जान को खतरा है। उन्होंने यह भी कहा कि हाईकोर्ट के आदेश में दिमागी कसरत का अभाव है। वहीं आशीष मिश्रा की ओर से वरिष्ठ वकील रंजीत कुमार ने हाईकोर्ट के आदेश का बचाव करते हुए कहा था कि उनका मुवक्किल घटनास्थल पर मौजूद नहीं था।आशीष मिश्र(aashish mishra ) को मुख्य आरोपी बनाते हुए 13 लोगों को मुल्जिम
लखीमपुर(lakhimpur ) खीरी जिले के तिकुनिया गांव में हुई उक्त हिंसा के मामले में एसआईटी ने तीन महीने के अंदर सीजेएम अदालत में तीन जनवरी को 5000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें आशीष मिश्र को मुख्य आरोपी बनाते हुए 13 लोगों को मुल्जिम बताया था।