बिलासपुर। बिलासपुर तहसील न्यायालय से नामांतरण के 1200 से अधिक प्रकरण विलोपित करने के मामले को राजस्व सचिव नीलम नामदेव एक्का ने संज्ञान में ले लिया है। उन्होंने इस मामले में जांच बिठा दी है और जल्द ही जांच रिपोर्ट भेजने का आदेश दिया है। बिलासपुर से शिकायकर्ता की अलावा बहुत सारे किसानों ने बताया था कि तहसीलदार रमेश कुमार मोर ने मोपका, मंगला, परसदा व जूना बिलासपुर सहित अपने प्रभार क्षेत्र के लगभग 1200 नामांतरण मामले को विलोपित कर दिया है। उन्होंने प्रकरणों को नामांतरण की आवश्यकता नहीं होने का ऑनलाइन में नोटसीट में लिख कर विलोपित कर दिया है। सबसे बड़ी बात यह है कि अपने को बचाने के लिए उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग में राज्य शासन को नामांतरण की फर्जी आँकड़े बनाकर जानकारी दे दी है। तहसीलदार रमेश कुमार मोर के पहले भी तहसील कार्यालय में पूर्व में पदस्थ नारायण गबेल के कारनामें भी कम नहीं रहे हैं। उनके तबादले के बाद आए रमेश कुमार मोर की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे है। अब ये १२०० किसानों को ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस सरकार में इन्होंने ज़मीन ख़रीद कर अपराध कर दिया। इनका केस ही ग़ायब हो गया है ऑनलाइन से। रायगढ़ की घटना की पुनर्वृत्ति न हो जाए। अधिवक्ता और पत्रकारों ने आगामी मुख्यमंत्री के दौरा कार्यक्रम में इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की बात कही है।
तहसीलदार रमेश मोर पर बिलासपुर के 1200 नामांतरण विलोपित करने का लगा गम्भीर आरोप……राजस्व सचिव ने दिया जाँच का आदेश….प्रशासन में मचा हड़कम्प
