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किरना स्थित शौर्य इस्पात उद्योग में नियमों की खुलेआम उड़ रही धज्जियाँ

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प्रेमलाल पाल धरसीवां / ग्राम किरना, ब्लॉक – तिल्दा में शौर्य इस्पात उद्योग में खुलेआम पर्यावरण एवं व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थिति नियमों का उल्लंघन किया जा रहा हैं ।
उद्योग में अव्यवस्था एवं मज़दूरों की सुरक्षा की ख़तरनाक स्थिति को देखते हुए वहाँ काम करने वाले कर्मचारियों का एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (OBC) विभाग के महामंत्री भावेश बघेल से मिला । प्रतिनिधिमंडल के आग्रह पर भावेश बघेल स्थानीय रहवासियों, ग्रामीणों एवं मज़दूरों के प्रतिनिधिमंडल के साथ उद्योग का निरीक्षण करने पहुँचे थे ।
उद्योग के निरीक्षण एवं प्रबंधन से मुलाक़ात के बाद पाया गया की प्लांट में काम करने वाले मज़दूरों को सेफ़्टी किट एवं पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था के बिना ख़तरनाक परिस्थिति में काम करने को विवश किया जा रहा हैं । छत्तीसगढ़ व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य और कार्य परिस्थिति नियमों के अनुसार इस परिस्थिति में कार्य करने वाले मज़दूरों के लिए पर्याप्त मात्रा में सेफ़्टी किट, जूते, दस्ताने इत्यादि की व्यवस्था करना अनिवार्य हैं । परंतु धरातल पर यह सब व्यवस्थाएँ नदारद पायी गयी । फरनेस, लोहा गलायी, केमिकल यूनिट इत्यादि में कार्य करने वाले मज़दूर बिना सेफ़्टी किट के अपनी जान का जोखिम लेते हुए कार्य करते पाए गए । मज़दूरों ने बताया की कई बार प्रबंधन से उन्होंने इन सारी समस्याओं से सम्बंध में बात करनी चाही परंतु काम से निकालने की धमकी दे कर उनसे बिना सेफ़्टी किट के काम उद्योग मालिकों द्वारा कराया जा रहा हैं ।
इसके अतिरिक्त कर्मचारियों को EPF एवं ESIC पंजीकरण एवं लाभ भी प्लांट प्रबंधन द्वारा नहीं दिया जा रहा हैं जो की नियमों का खुलेआम उल्लंघन हैं । कर्मचारियों को वेतन उनके खाते में ना दे कर नगदी में दे कर प्लांट द्वारा उन्हें EPF एवं ESIC सम्बंधित लाभों से वंचित रखा जा रहा हैं ।
पर्यावरण सम्बंधित नियमों का भी उल्लंघन प्लांट संचालक द्वारा किया जा रहा हैं । पर्यावरण क्लीरन्स दस्तावेज़ो में प्लांट द्वारा यह घोषणा की गयी हैं की प्लांट चालू होने के पहले ही प्लांट के चारों ओर कम से कम 20 मीटर चौड़ा वृक्षारोपण करवाया जाएगा । परंतु निरीक्षण में किसी भी प्रकार का वृक्षारोपण प्लांट प्रबंधन द्वारा किया जाना नहीं पाया गया । बड़ी बड़ी ट्रकों में खुलेआम बिना ढके सामग्री का परिवहन प्लांट प्रबंधन द्वारा किया जा रहा हैं जिससे आस पास के ग्रामीणों को धूल एवं रासायनिक उत्सर्जन के कारण साँस की तकलीफ़ एवं अन्य बीमारियाँ हो रही हैं ।
उद्योगों में उपयोग किए जाने वाले व्यावसायिक गैस सिलेंडर के स्थान पर घरेलू गैस सिलेंडर का उपयोग किया जाना पाया गया । स्थायी गैस लाइन के स्थान पर अस्थायी रूप से सिलेंडर से पाइप जोड़ कर ख़तरनाक तरीक़े से गैस निकासी किया जाना पाया गया ।
निरीक्षण के पश्चात भावेश बघेल ने बताया की देश भर में केवल वर्ष 2021 में ही क़रीब 162 मज़दूरों की मौत उद्योगों की लापरवाही से दुर्घटनाओं में हुई हैं । छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इस मुद्दे पर बहुत सख़्त हैं और नियमो में संशोधन कर 2021 में ही नए सख़्त नियम लागू किए गए हैं । पर प्लांट संचालकों द्वारा अपने फ़ायदे के लिए खुलेआम नियमों का उल्लंघन किया जा रहा हैं । स्थानीय ग्रामीणों एवं क्षेत्रवासियों के साथ उन्होंने इसके बाबत शिकायत माननीय मुख्यमंत्री जी एवं उद्योग मंत्री जी से मिल कर करने की बात कही । उन्होंने यह विश्वास जताया की प्रदेश के संवेदनशील मुख्यमंत्री शीघ्र ही इस मुद्दे पर कार्यवाही करेंगे । उन्होंने यह भी कहा की मज़दूरों एवं ग़रीबों की सुरक्षा एवं उनके उचित वेतन का भुगतान सर्वोपरी हैं और इसमें किसी भी तरीक़े की कोताही सरकार द्वारा बर्दाश्त नहीं की जाएगी । उन्होंने शीघ्र ही शौर्य इस्पात उद्योग के ऊपर अनियमिता बरतने के लिए कार्यवाही की बात कही ।
भावेश बघेल ने यह भी कहा की सिलतरा, उरला औद्योगिक क्षेत्र के अन्य उद्योगों में भी अगर इस प्रकार अनियमिता एवं मज़दूरों का शोषण किया जाएगा तो उन उद्योगों में भी मज़दूरों एवं स्थानीय रहवासियों के साथ वह निरीक्षण करने जाएँगे ।

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