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देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल रहा हमारा छत्तीसगढ़-राज्यपाल

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00 राज्यपाल ने अभिभाषण में राज्य सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को बताया शानदार
00 खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता,किसान-मजदूरों की है सरकार

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने आज यहां छत्तीसगढ़ विधानसभा के 13वें सत्र में अभिभाषण प्रस्तुत किया,उन्होने राज्य सरकार के तीन साल की उपलब्धियों को बताते हुए कहा कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है।

अभिभाषण का मूल पाठ-छत्तीसगढ़ विधानसभा के वर्ष 2022 के, पहले सत्र के अवसर पर आप सबको बधाई और शुभकामनाएं। मैं आप सबका हार्दिक अभिनंदन करती हूं। मुझे खुशी है कि माननीय सदस्य के रूप में आप लोगों ने इस सदन की गौरवशाली परंपराओं का निर्वाह किया है। लोकतंत्र को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। जनहित तथा प्रदेशहित के प्रति आपका समर्पण अनुकरणीय रहा है। यही वजह है कि हमारा छत्तीसगढ़ राज्य जनहितकारी विकास के लिए देश और दुनिया में अलग पहचान बनाने में सफल हुआ है। मैं कामना करती हूं कि आप लोग इसी तरह छत्तीसगढ़ की यश-पताका को ऊंचा उठाए रखेंगे।
2.    मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी हो रही है कि स्थानीय संसाधनों और जनता के आत्मगौरव के प्रति मेरी सरकार के बेहद संवेदनशील व्यवहार को भरपूर सराहना मिल रही है। समावेशी विकास का छत्तीसगढ़ मॉडल बहुत सफल रहा है। मैं चाहती हूं कि आर्थिक रूप से कमजोर तबकों के साथ ही प्रदेश के समग्र विकास में आई तेजी का सिलसिला लगातार जारी रहे और इसमें आप सबका भरपूर सहयोग मिले।
3.    मेरी सरकार वास्तव में किसानों, वन आश्रितों और मजदूरों की सरकार है, जिनके आत्म-सम्मान के लिए आय और भागीदारी बढ़ाने की रणनीति अपनाई गई है। खेती के प्रति लोगों का रुझान लौटना अपने आप में बड़ी सफलता मानी जा रही है। खरीफ वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी में अब तक का सबसे बड़ा कीर्तिमान बना है, जिसके अनुसार इस वर्ष लगभग 21 लाख 77 हजार किसानों ने 97 लाख 98 हजार मीट्रिक टन धान बेचा है।
4.    किसानों की सुविधाएं और आय बढ़ाने के लिए मेरी सरकार ने इस वर्ष 173 नवीन धान खरीदी केन्द्र खोले। समर्थन मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया। धान के साथ ही अन्य खरीफ फसलों को भी ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजनाÓ का लाभ लगातार दिया जा रहा है। इसमें उद्यानिकी तथा लघ

धान्य फसलों को भी शामिल किया गया है। किसानों को ब्याजमुक्त अल्पकालीन कृषि ऋण उपलब्ध कराने के लिए इस वर्ष 5 हजार 900 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें से अभी तक 85 प्रतिशत राशि दी जा चुकी है। लगभग 6 दशक बाद प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों का पुनर्गठन किया गया है, जिससे 725 नवीन समितियां भी कृषि ऋण वितरण व अन्य योजनाओं के संचालन में सहयोग दे रही हैं। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में प्रथम एथेनॉल प्लांट की स्थापना हेतु एमओयू के तहत कार्य प्रगति पर है, वहीं अतिशेष धान से भी एथेनॉल उत्पादन के लिए काफी गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं ताकि धान के बम्पर उत्पादन का बेहतर उपयोग किया जा सके। मेरी सरकार के इन उपायों से किसान परिवारों का मनोबल और उत्साह बढ़ा है।
5.    मेरी सरकार ने प्रदेश के 14 आदिवासी बहुल जिलों के 25 विकासखण्डों में 1 हजार 735 करोड़ रुपए की लागत से ‘चिराग परियोजनाÓ की शुरुआत कर दी है, जिससे आदिवासी अंचलों में आजीविका के नए साधन बनेंगे।
6.    मेरी सरकार ने ‘सुराजी गांव योजनाÓ के माध्यम से नरवा, गरुवा, घुरुवा, बारी को बचाने का जो संकल्प लिया था, वह सफलता के नए-नए शिखरों को छू रहा है। नाला उपचार के हजारों कार्यों से भू-जल स्तर बढ़ा है। ‘गोधन न्याय योजनाÓ का लगातार विस्तार किया जा रहा है, जिससे गोबर विक्रेताओं को लगभग 127 करोड़ रुपए की राशि सीधे प्रदान की गई है। वहीं वर्मी कम्पोस्ट, सुपर कम्पोस्ट तथा सुपर कम्पोस्ट प्लस उत्पादन, विक्रय तथा इसके उपयोग पर बहुत ध्यान दिया जा रहा है ताकि रासायनिक खाद की कमी से निपटने में जैविक खाद का विकल्प तैयार किया जा सके। इसके अलावा गोबर से बिजली, प्राकृतिक पेंट तथा अन्य सामग्रियों के उत्पादन और विक्रय को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। ‘ग्रामीण औद्योगिक पार्कÓ विकसित किए जा रहे हैं। ‘गोधन न्याय मिशनÓ से इस अभियान को नई ऊंचाई मिलेगी। घुरुवा से 6 लाख मीट्रिक टन जैविक खाद का निर्माण किया गया है। 3 लाख बाडिय़ों का विकास किया जा चुका है, जिससे गांवों में सब्जी तथा फलों की उपलब्धता बढ़ी है।

7.    मेरी सरकार ने ‘राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजनाÓ की शुरुआत इसी वित्तीय वर्ष से करने का वादा भी निभाया है। इस योजना के तहत पंजीकृत व्यक्ति को प्रतिवर्ष 6 हजार रुपए देने का प्रावधान है, जिसकी पहली किस्त के रूप में प्रथम भुगतान हितग्राहियों को किया जा चुका है।
8.    आदिवासी अंचलों में चाय, कॉफी, काजू, तीखुर, अलग-अलग विशेषताओं वाले चावल, उच्च गुणवत्ता के फल, विदेशों में बेचे जाने योग्य पोषक उत्पादों के काम में स्थानीय लोगों की भागीदारी तेजी से बढ़ी है। इससे स्थानीय लोगों और उनके उत्पादों के साथ प्रदेश को  भी एक नई पहचान मिली है। मैं चाहूंगी कि मेरी सरकार के जनसशक्तीकरण के इन प्रयासों को आप सबका समर्थन और सहयोग लगातार मिले।
9.     मेरी सरकार ने वन आश्रित परिवारों को वन संसाधनों के माध्यम से नई शक्ति दी है। तेन्दूपत्ता संग्रहण दर 2500 से बढ़ाकर 4 हजार रुपए प्रतिमानक बोरा करने के अलावा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जाने वाली लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 61 कर दी गई है। ‘छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांडÓ के नाम से 121 उत्पादों के प्रसंस्करण तथा 200 उत्पादों के विपणन की व्यवस्था की गई है। लाख पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। कोदो, कुटकी और रागी के लिए भी समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था की गई है। ‘छत्तीसगढ़ मिलेट मिशनÓ के गठन से लघु धान्य फसलों की अपार संभावनाएं आकार लेंगी।
10.    मेरी सरकार ने संयुक्त वन प्रबंधन समितियों के माध्यम से 27 लाख परिवारों को वनोपज के कारोबार में भागीदार बनाया है। ‘शहीद महेन्द्र कर्मा तेन्दूपत्ता संग्राहक सामाजिक सुरक्षा योजना,Ó ‘मुख्यमंत्री बांस बाड़ी योजनाÓ, ‘नदी तट वृक्षारोपण योजनाÓ, ‘मुख्यमंत्री वृक्षारोपण प्रोत्साहन योजनाÓ, कैम्पा मद से वन विकास, वन सुरक्षा, वन्यप्राणियों का संरक्षण, भू-जल संरक्षण जैसे  प्रयासों का सकारात्मक असर वन अंचलों में दिखाई पडऩे लगा है।
11.    मेरी सरकार ने ऊर्जा के क्षेत्र में कुशल प्रबंधन से प्राप्त उपलब्धियों को किसानों तथा आर्थिक रूप से कमजोर तबकों तक पहुंचाकर उन्हें शक्ति-सम्पन्न बनाने की रणनीति अपनाई, साथ ही विद्युत अधोसंरचना के विकास पर जोर दिया। सभी लंबित 35 हजार 161 कृषि पम्प कनेक्शन के आवेदनों  को एक साथ स्वीकृत करते हुए ऊर्जीकृत करने का जो अभियान शुरू किया गया था, वह इसी वित्तीय वर्ष में पूर्ण किया जा रहा है। अभी तक 90 प्रतिशत से अधिक का लक्ष्य पूर्ण किया जाना एक बड़ी उपलब्धि है।

12.    मेरी सरकार ने शहरों, गांवों सहित सभी क्षेत्रों में सड़क अधोसंरचना के विकास के लिए एक बड़ी कार्ययोजना बनाई है, जिसके तहत 24 हजार करोड़ रुपए की लागत से सड़क, पुल-पुलिया निर्माण के कार्य कराए जा रहे हैं। प्रत्येक निविदा अनुबंध में बेरोजगार इंजीनियरों की उपस्थिति और ई-श्रेणी पंजीयन की व्यवस्था से लगभग 8 हजार स्थानीय युवाओं की निर्माण कार्यों में भागीदारी तय की गई है। ई-श्रेणी में विकासखण्ड स्तर पर 225 करोड़ रुपए के कार्य पंजीकृत युवाओं को आबंटित किए गए हैं।
13.    ‘बिजली बिल हाफ योजनाÓ के तहत 40 लाख 56 हजार घरेलू उपभोक्ताओं को 2 हजार 100 करोड़ रुपए से अधिक की छूट मिल चुकी है। 5 लाख 81 हजार किसानों को सिंचाई पम्प कनेक्शन में छूट का लाभ मिल रहा है। वहीं 17 लाख से अधिक परिवारों को 30 यूनिट तक प्रतिमाह नि:शुल्क विद्युत आपूर्ति की जा रही है। आर्थिक मंदी और कोरोना काल में प्रदेश के इस्पात उद्योगों को ऊर्जा प्रभार में राहत  का लाभ भी दिया गया।
14.    ‘मुख्यमंत्री शहरी विद्युतीकरण योजनाÓ, ‘मुख्यमंत्री मजरा-टोला विद्युतीकरण योजनाÓ, ‘मुख्यमंत्री विद्युत अधोसंरचना विकास योजनाÓ, स्कूलों का विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा से सिंचाई पम्पों का ऊर्जीकरण जैसे कार्यों की सफलता बहुत महत्वपूर्ण है। कुशल प्रबंधन और उत्तम रखरखाव से प्रदेश के बिजली घरों में उत्पादन के कीर्तिमान बनाए, वहीं पारेषण प्रणाली की उपलब्धता भी 99 प्रतिशत से अधिक रही, जो अपने आप में एक कीर्तिमान है।
15.    मेरी सरकार ने गांवों के विकास में ग्रामीण अधोसंरचना को प्राथमिकता दी, साथ ही सारी गतिविधियों का केन्द्र बेहतर आजीविका तथा रोजगार के अवसरों को बनाया। ‘महात्मा गांधी नरेगा योजनाÓ से गांवों में भरपूर रोजगार दिया गया, जो कोरोना जैसे संकटकाल में प्राणतत्व साबित हुआ। वर्ष 2020-21 में योजना प्रारंभ होने से अब तक 18 करोड़ 41 लाख मानव दिवस सृजित किए गए, जो संशोधित लक्ष्य की 100 प्रतिशत पूर्ति करते हैं। इस अवधि में 7 लाख 88 हजार परिवारों को 100 मानव दिवस रोजगार दिया गया, जिसमें वन अधिकार पट्टाधारी लगभग 46 हजार परिवार शामिल हैं।

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