रायपुर । भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के 8 अधिकारियों को सलेक्शन ग्रेड दिया गया है। ये अधिकारी जल्द ही सीएफ के पद पर पदोन्नत हो जाएंगे। तीन अधिकारियों को आरोप पत्र जारी किया गया है, और उनकी पदोन्नति रूक गई है। इससे परे अगले कुछ दिनों में वन विभाग में बड़े पैमाने पर फेरबदल हो सकता है। जिसमें डीएफओ से लेकर पीसीसीएफ स्तर के अफसरों को इधर से उधर किया जाएगा।
दो दिन पहले डीएफओ स्तर के 11 अफसरों को सलेक्शन ग्रेड देने के लिए विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में मर्सी बेला, केआर बराई, मनोज कुमार पाण्डेय, अमिताभ बाजपेयी, रामअवतार दुबे, रमेश चंद्रा, दिलराज प्रभाकर, और के विवेकानंद रेड्डी को सलेक्शन ग्रेड देने के प्रस्ताव पर मुहर लगी है।
बताया गया कि विश्वेश कुमार, आलोक तिवारी, और बीएस ठाकुर को अलग-अलग प्रकरणों के चलते आरोप पत्र जारी किया गया है। उनका लिफाफा बंद रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक इस महीने के आखिरी में फिर विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक होगी। जिसमें इन सभी आठों डीएफओ को सीएफ के पद पर पदोन्नति दी जाएगी। पदोन्नति के बाद मैदानी अमले में फेरबदल होगा, और पदोन्नत अफसरों के प्रभार बदले जा सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक पीसीसीएफ के मुरूगन भी 31 दिसंबर को सेवनिवृत्त हो रहे हैं। मुरूगन के पास वर्किंग प्लान का प्रभार है। ऐसे में 88 बैच के अधिकारी एसएस बजाज की पीसीसीएफ के पद पर पदोन्नति हो सकती है। बजाज अभी एडिशनल एमडी वनोपज संघ के पद पर है। बजाज का जून में रिटायरमेंट है। ऐेसे में उन्हें वनोपज संघ में ही रहने देने के लिए एडिशनल एमडी के पद को अपग्रेड करने का प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा गया है। बजाज का संघ में बेहतर काम रहा है। माना जा रहा है कि अगले दो-तीन दिनों में बजाज की पदोन्नति के लिए बैठक हो सकती है, और फिर पदोन्नति के बाद अरण्य भवन में अफसरों के प्रभार भी बदले जा सकते हैं।