रायपुर वॉच

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने चुनाव आयोग को लिखा पत्र, कहा– सी-वोटर सर्वे पर लगाई जाए रोक

Share this

कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव विकास उपाध्याय ने आज विभिन्न समाचार चैनलों द्वारा हर सप्ताह उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य के चुनावी सर्वे को सी-वोटर के माध्यम से बार-बार दिखाकर वहां के मतदाताओं को दिग्भ्रमित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, समाचार चैनल के माध्यम से लगातार भाजपा के पक्ष में माहौल बनाया जा रहा है जो लोकतंत्र में निष्पक्ष रूप से प्रतिनिधि चुनने पर कई सवाल खड़े करते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी मीडिया के माध्यम से जनता के रूख को अपने अनुरूप समाचार चैनल द्वारा दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश सहित अन्य 5 राज्यों में जब दो माह बाद चुनाव होने हैं ऐसे में जनता किस बात से नाराज और किस बात से संतुष्ट है, इन सभी को आधार बनाते हुए अनुमान लगाकर समाचार चैनल भाजपा के पक्ष में मतदाताओं को वोट डालने दिशा दे रहे हैं।

विकास उपाध्याय ने कहा, निष्पक्ष मीडिया की जिम्मेदारी होनी चाहिए कि चुनावी राज्यों में इसके पूर्व गठित सरकार द्वारा जनता से किस तरह के वायदे किए गए थे और उसे पूरा करने वर्तमान सरकार जनता के अनुरूप कहाँ तक सही साबित हो रही है को दिखाया जाए, न कि चुनाव पूर्व जनता के मन में जो बात नहीं है उसे अपने मुताबिक तोड़-मरोड़ कर दिखाया जाए। उन्होंने सवाल उठाया कि यह कहाँ तक सही है कि जब चुनाव को संपन्न होने अभी समय है तो मतदाता यह ठीक तरह से कैसे बता सकते हैं कि वो किसे अपना मत देने का मन बना रहे हैं। विकास उपाध्याय ने कहा, ठीक इसी तरह का तरीका तब अपनाया गया था जब मोदी दिल्ली की सत्ता में काबिज होने पूरे देश में घूम-घूम कर तात्कालीन यूपीए सरकार के खिलाफ मिथ्या आरोप लगाकर माहौल बना रहे थे।

विकास उपाध्याय ने कहा, सत्ता हथियाने के लिए मीडिया को माध्यम बनाया जाना गलत है और यह परंपरा भाजपा द्वारा शुरू की गई है। आम जनता की नजर में भी अब यह स्पष्ट हो चुका है कि एक मीडिया विशेष द्वारा भाजपा के मोदी द्वारा किए गए उन गतिविधियों को बार-बार समाचारों में दिखाकर एक ऐसा माहौल निर्मित किया जा रहा है, जिसके दूसरे पक्ष से जनता अनभिज्ञ है। उन्होंने चुनाव आयोग को आज एक पत्र भेजकर भारत में निष्पक्ष लोकतंत्र के गठन के लिए आगे आने का निवेदन किया है और कहा है कानून मंत्रालय ने जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 में संशोधित किया था, इसके बाद यह नियम लागू भी है जिसमें प्रावधान है कि जब तक चुनावी प्रक्रिया का अंतिम वोट न डल जाए किसी भी चुनावी सर्वे को न तो दिखाया जा सकता है और न ही प्रकाशित किया जा सकता है। उन्होंने कहा, वर्तमान में सी-वोटर के माध्यम से कई चैनल इस तरह का सर्वे कर उक्त कानून का उल्लंघन कर रहे हैं, जिस पर रोक जरूरी है।

Share this

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *