राज्यसभा में सोमवार को सरकार ने एनडीपीएस संशोधन विधेयक पेश किया। चर्चा के बाद सदन ने ध्वनिमत से इस विधेयक को पारित कर दिया गया। लोकसभा से यह पहले ही 13 दिसंबर को पारित हो चुका है। विधेयक पर चर्चा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि त्रिपुरा हाईकोर्ट के आदेश की अनुपालना के लिए सरकार को सितंबर में अध्यादेश लाना पड़ा था।
इसी दौरान पता चला कि 2014 में पारित किए गए एनडीपीएस संशोधन अधिनियम में कुछ लिपिकीय त्रुटियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए यह विधेयक पेश किया गया है। विधेयक पर चर्चा के दौरान सपा सांसद जया बच्चन ने कहा था कि सरकार लिपिकीय गलतियों को ठीक करने में सदन के तीन-चार घंटे बर्बाद कर रही है, जबकि महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा ही नहीं हो रही।
वहीं, कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिस लिपिकीय गड़बड़ी की बात की जा रही है, उसकी पहचान करने में नार्कोटिक ब्यूरो और सरकार को छह वर्ष से ज्यादा लग गए। इसका जवाब देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि दिग्विजय सिंह और जया बच्चन जिस छोटी गलती को पकड़ने में समय बर्बाद करने की बात कर रहे हैं, असल में वह गलती यूपीए सरकार की तरफ से की गई थी, क्योंकि यह विधेयक मूल रूप से 2011 में पेश किया गया था और फरवरी 2014 में पारित किया गया था।