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AK-203 राइफल सौदे पर लगी मुहर… दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने किए हस्ताक्षर…

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज यानी 6 दिसंबर को भारत के दौरे पर आ रहे हैं।  पुतिन के पहुंचने से पहले पहले रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु भी भारत पहुंच चुके हैं। दोनों मंत्रियों ने अपने समकक्ष डॉ. एस जयशंकर और राजनाथ सिंह से मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद अब बैठकों का दौर शुरू हो गया है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने नई दिल्ली में आज एक बैठक की। इस दौरान दोनों नेताओं ने भारत और रूस के बीच हुए समझौतों पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत भारत-रूस राइफल्स प्राइवेट लिमिटेड के माध्यम से 6,01,427 7.63×39 मिमी असॉल्ट राइफल AK-203 की खरीद के लिए अनुबंध, 2021-2031 से सैन्य-तकनीकी सहयोग के लिए कार्यक्रम जैसे समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।वहीं बैठक के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उभरती भू-राजनीतिक परिस्थितियों में आज वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन एक बार फिर हमारे देशों के बीच विशेष रणनीतिक साझेदारी के महत्वपूर्ण महत्व की पुष्टि करता है। राजनाथ सिंह ने कहा कि रक्षा सहयोग हमारी साझेदारी के सबसे महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक है। मुझे उम्मीद है कि भारत-रूस साझेदारी पूरे क्षेत्र में शांति लाएगी और क्षेत्र को स्थिरता प्रदान करेगी।  राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भारत और रूस के संबंध बहुपक्षवाद, वैश्विक शांति, समृद्धि, आपसी समझ और विश्वास में एक सामान्य हित के आधार पर आधारित हैं।

सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग महत्वपूर्ण : शोइगु
बैठक के दौरान रूस के रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु ने कहा कि हमारे देशों के संबंध के लिए इस समय सैन्य और तकनीकी क्षेत्र में भारत-रूस का सहयोग विशेष रूप से महत्वपूर्ण है। आज अंतर सरकारी आयोग की बैठक में रक्षा क्षेत्र सहयोग के बारे में रक्षा मंत्री के साथ हमारी विस्तृत चर्चा हुई।सर्गेई लावरोव और एस जयशंकर के बीच हुई बैठक

रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने आज नई दिल्ली में एक बैठक की। बैठक के दौरान डॉ. एस जयशंकर ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि ये हमारी चौथी बैठक है। ये भारत और रूस के बीच विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी का प्रतीक है।

आज हमारे पास न केवल अपने द्विपक्षीय संबंधों और वैश्विक स्थिति पर चर्चा करने का अवसर है बल्कि हम पहली 2+2 बैठक में भी हिस्सा लेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे लिए वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन यूनिक इवेंट है। पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन विश्वास का रिश्ता साझा करते हैं। हम शिखर सम्मेलन से बहुत ही महत्वपूर्ण परिणामों की आशा कर रहे हैं। भारत-रूस के बीच साझेदारी यूनिक है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता बहुत फलदायी होगी।

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