कोहिमा। नगालैंड के मोन जिले के ओतिंग गांव में फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई। कई लोग घायल हुए हैं। गांववालों ने फायरिंग का आरोप असम रायफल्स पर लगाया है। बताया जा रहा है कि सुरक्षाबल गश्त पर थे। उन्होंने गांववालों को एनएससीएन का आतंकी समझकर फायरिंग कर दी। जिससे ये घटना हुई। इसके बाद उत्तेजित लोगों ने सुरक्षाबलों के कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया। सुरक्षाबल के जवानों पर हमले में एक जवान की मौत हुई है। फिलहाल इलाके में जबरदस्त तनाव है। पुलिस की टुकड़ियां वहां हालात को संभालने के लिए भेजी गई हैं। घटना की निंदा करते हुए नगालैंड के सीएम नेइफू रियो ने कहा है कि जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति बनाई जाएगी। रियो ने कहा कि कानून के मुताबिक दोषियों को सजा दिलाई जाएगी। अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक मरने वाले मजदूर थे। वे शनिवार देर रात काम से लौट रहे थे। सुरक्षाबलों ने उनकी गाड़ी को रुकने का संकेत किया। गाड़ी न रोके जाने पर आतंकवादी होने के शक में सुरक्षाबलों ने फायरिंग कर दी थी। बताया जा रहा है कि आईपीएस रुपिन शर्मा ने इसका एक वीडियो शनिवार को ट्विटर पर अपलोड किया था। बाद में उन्होंने इसे डिलीट कर दिया। आज सुबह सीएम के ट्वीट के बाद घटना के बारे में सबको जानकारी मिली। असम राइफल्स की ओर से बयान जारी किया गया है। इसमें कहा गया है कि आतंकवादियों के होने की जानकारी पर मोन जिले में सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया था। असम राइफल्स ने घटना की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी गठित की है। सुरक्षाबल ने कहा है कि इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिवार के प्रति शोक संवेदना जताई है। असम रायफल्स केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत ही आता है। बता दें कि बीते दिनों पड़ोसी राज्य मणिपुर में आतंकवादियों के हमले में असम राइफल्स के कर्नल, उनकी पत्नी और 8 साल के बेटे की मौत हो गई थी। हमले में 3 जवान भी शहीद हुए थे। इसके बाद से ही सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाए के लिए अभियान छेड़ा हुआ है।