गरियाबंद। गरियाबंद में मानसिक रोगी बाप ने गुरुवार को अपने 4 साल के बेटे की कुल्हाड़ी से गले पर वार कर हत्या कर दी। फिर पूरे परिवार को मारने के लिए दौड़ा। किसी तरह से रिश्तेदार के घर छिप कर उन्होंने जान बचाई। शाम को जब रिश्तेदारों के साथ पत्नी घर पहुंची तो कमरे में बच्चे की लाश मिली। इस पर सब युवक को ढूंढने निकले तो पता चला कि नदी किनारे पेड़ से फांसी लगाकर उसने भी जान दे दी थी। मामला अमलीपदर थाना क्षेत्र का है।
जानकारी के मुताबिक, भेजीपदर पंचायत के नदीपारा निवासी चंद्रशेखर ध्रुवा (26) की करीब एक साल से मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। उसका अस्पताल के साथ ही स्थानीय स्तर पर देसी उपचार भी किया जा रहा था। बताया जा रहा है कि एक दिसंबर की सुबह से ही उसकी हालत ठीक नहीं थी। अगले दिन गुरुवार को उसके ऊपर पागलपन सवार हो गया। कुल्हाड़ी और तलवार जैसे धारदार हथियार लेकर परिवार को मारने के लिए दौड़ा।
पत्नी चंपा ध्रुवा बेटे प्रेमलाल (4), बेटी रामयनी (5) व टिकेश्वरी (2) को लेकर पड़ोस में रहने वाले जेठ के घर छिप गई। उस समय घर के सभी आदमी खेत गए हुए थे। दोपहर करीब 2 बजे चंद्रशेखर हथियार लेकर बड़े भाई के मकान में घुस आया। वहां प्रेमलाल को उठा लिया और जाने लगा। यह देख अन्य सदस्य उसे छुड़ाने के लिए पीछे भागे, लेकिन चंद्रशेखर घर पहुंचा और अंदर दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद गले पर कुल्हाड़ी से वार कर बच्चे को मार दिया।
करीब 20 मिनट बाद जब खेत से बड़ा भाई लौटा तो उसे सारे हंगामे का पता चला। इस पर वह बीच-बचाव करने के उद्देश्य से चंद्रशेखर के घर पहुंचा। दरवाजा खटखटाते ही चंद्रशेखर फिर बाहर निकला और सभी को मारने के लिए दौड़ा। किसी तरह परिवार के लोग भागकर बस्ती में पहुंचे और अपनी जान बचाई। इसके बाद शाम करीब 4 बजे फिर मुखिया को लेकर नदीपारा पहुंचे। घर से करीब 70 मीटर दूर इमली के पेड़ से लटका चंद्रशेखर का शव मिला।
पुलिस ने दोनों शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया है। थाना प्रभारी नवीन राजपूत ने बताया कि बच्चे की हत्या के आरोप में पिता चन्द्रशेखर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। घटना के पीछे की वजह पता नहीं है। घटना के बाद परिवार सदमे में है। माहौल शांत होने पर ही जांच आगे बढ़ेगी, तो सही कारण पता चल सकेगा।