- दो माह तक चलने वाला धान खरीदी का महाअभियानका आगाज हुआ 01दिसंबर से
- लगभग 1.78 लाख किसानों से धान खरीदने 182 उपार्जन केन्द्र,पिछले साल से 13 हजार ज्यादा किसानों ने कराया पंजीयन
- इस साल 1797 वन पट्टाधारी किसान भी बेचेंगे धान कामन 1940 रू एवं ग्रेड ए धान 1960 रू क्वि.पर होगी खरीदी
- पहले दिन 176 धान खरीदी केंद्रों में 3478 किसानों का कटा टोकन,82 हजार 686 क्विंटल धान की होगी खरीदी
पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल : कसडोल विकासखंड के कसडोल,छरछेद, पिसीद,सेल, कटगी, छेछर, मल्दा,सर्वा,अमोदी,बरपाली, मटिया,नरधा टुण्ड्रा, गिधौरी,चिखली, बया, थरगांव, बोरसी,आदि खरीदी केंन्द्रों में धान खरीदी विधिवत शुरू हुआ। बरपाली में अध्यक्ष व्यास श्रीवास ने नोडल अधिकारी पी के घृतलहरे एवं सदस्यों सहित प्रबंधक शिवकुमार साहू तथा किसानों की गरिमामयी उपस्थिति में शुभारंभ किया। वहीं अमोदी में एक नया इतिहास लिखा गया कि पहली बार अमोदी के ग्राम पटेल श्री चंदराम यादव ने 1दिसंबर की धान खरीदी के लिए टोकन कटवाने वाले किसानों का शाल एवं श्रीफल से सम्मान कर उत्साह वर्धन किया।इसके लिए समिति प्रबंधक मनीराम कैवर्त्य, समिति के सदस्यों एवं किसानों सहित उपस्थित लोगों ने चंदराम यादव की भूरी- भूरी प्रशंसा कर उनके प्रति आभार व्यक्त किए।
किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का राज्य सरकार का दो माह तक चलने वाला महाअभियान कल 1 दिसम्बर से शुरू होगा। जिले में 182 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 1 लाख 78 हजार 316 पंजीकृत किसानों से धान खरीदी की जायेगी। किसानांे से खरीदी का कार्य 1 दिसम्बर से शुरू होकर 31 जनवरी तक दो महीने तक की जायेगी। पिछले साल से इस वर्ष 13 हजार 22 ज्यादा किसानों ने धान खरीदी के लिए पंजीयन कराये है। इसमें 1797 वन पट्टाधारी किसान भी शामिल हैं। इस साल करीब 7 लाख 63 हजार मीटरिक टन धान खरीदी का लक्ष्य अनुमानित किया गया है। पहले दिन जिलें के 176 धान खरीदी केंद्रों में 3478 किसानों का टोकन कटा है। जिसके तहत 82 हजार 686 क्विंटल धान की होगी खरीदी की जाएगी।उपार्जन केन्द्रों पर धान खरीदी के लिए जरूरी तमाम प्रशासनिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में प्रेसवार्ता आयोजित कर मीडिया प्रतिनिधियों को जिले में धान खरीदी की कार्य-योजना की जानकारी दी।
कलेक्टर श्री जैन ने बताया कि जिले में इस साल 182 उपार्जन केन्द्रों के जरिए धान खरीदी की जायेगी। सभी केंद्रों पर तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। इस साल जिले में 9 नये धान खरीदी केन्द्र बनाये गये हैं। इनमें बिलाईगढ़ में धाराशिव एवं सेन्दुरस, भंडोरा,मधाईभाठा,रमतला, कसडोल में सर्वा, मोहदा एवं मोहतरा तथा सिमगा में सकलोर,शामिल हैं। धान कॉमन का समर्थन मूल्य 1940 और धान ग्रेड ए का मूल्य 1960 रूपये निर्धारित किया गया है। मक्का का समर्थन मूल्य 1870 रूपये तय किया गया है। गुणवत्ता मापदण्ड के अनुसार धान में अधिकतम 17 प्रतिशत नमी स्वीकार की जायेगी। इसके अलावा निम्न श्रेणी के धान का मिश्रण 6 प्रतिशत, डेमेज,डिस्कलर,अंकुरित, घुन लगा धान का 5 प्रतिशत,अधपका एवं सिकुड़े दाने 3 प्रतिशत एवं बाह्य पदार्थ कार्बनिक एवं अकार्बनिक 1-1 प्रतिशत तक मान्य किया जायेगा। कलेक्टर ने सभी किसानों को गुणवत्ता मापदण्डों के अनुरूप साफ-सुथरा एवं सूखाकर उपार्जन केन्द्रों पर धान लाने का अनुरोध किया है।
कलेक्टर ने बताया कि धान बेचने आने वाले किसानों को पूर्व से ही टोकन जारी किया जायेगा। टोकन इस प्रकार जारी किये जाएंगे कि सीमांत एवं लघु किसानों का प्राथमिकता दी जायेगी। धान तौल करने की क्षमता एवं धान भण्डारण क्षमता को ध्यान में रखकर ही एक दिवस के लिए जारी किये गये टोकन की मांत्रा निर्धारित की जायेगी। यथासंभव एक गांव के किसानों को एक साथ एक दिवस का टोकन दिये जाने से किसानों को सुविधा होगी। खरीदे गये धान की सुरक्षा हेतु पर्याप्त मात्रा में तारपोलिन, प्लास्टिक कव्हर एवं डनेज की व्यवस्था की गई है। धान खरीदी के लिए जिले में 38190 गठान की जरूरत होगी। इसमें 19095 गठान नये बारदाना एवं 19095 गठान पुराने बारदाना का आकलन किया गया है। एक बोरे में 40 किलो धान की भरती होती है। किसानों को अपने स्वयं के बारदाने पर धान बेचने की सुविधा प्रदान की गई है। 25 से 30 प्रतिशत तक बारदाने का उपयोग किया जा सकता है।
खरीदी केन्द्रों पर पर्याप्त संख्या में हमाल एवं डाटा एण्ट्री ऑपरेटरों की व्यवस्था की गई है। पंजीकृत किसानों एवं एफएक्यू गुणवत्ता के धान का खरीदी केन्द्रों पर प्रदर्शन भी किया जायेगा। पुराने धान की खरीदी नहीं की जायेगी। धान की तौल एवं स्टेकिंग उसी दिन पूर्ण कराने की व्यवस्था की गई है। जिले में धान के अवैध परिवहन की रोकथाम के लिए भी पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। दर्जन भर अंतरजिला चेकपोस्ट बनाने के साथ संभावित कोचियाओं एवं दलालों का चिन्हांकन किया गया है। 16 संवेदनशील उपार्जन केन्द्रों पर विशेष नोडल अधिकारी तैनात किये गये हैं। समिति स्तर पर निगरानी समिति बनाये गये हैं। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों के लिए बैठने,पेयजल एवं प्रसाधन व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिये गये हैं।