प्रांतीय वॉच

बेमौसम बारिश और आसमान मे छाए बादल से फसल को लेकर किसानों की बढ़ी चिन्ता

पुरुषोत्तम कैवर्त/कसडोल : दक्षिण में आंध्रप्रदेश के पास बंगाल की खाड़ी में बने अवदाब के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में बादलो का डेरा बना हुआ है। कहीं-कहीं बूंदा बांदी भी हो रही है और लगातार आसमान में घने बादल शनिवार से छाए हुए है। हवा चलने से तापमान कम हो गया है। हर साल की तरह की इस साल भी मेहनतकश किसानोे ने अपने खून पसीना सींचकर धान की बम्पर पैदावार ली है। अंचल के किसानों की माने तो इस समय सभी किसानों की धान की फसल पककर तैयार हो चूकी है।

फसल कटाई का काम भी जोर शोर चल रहा है। ताकि 1 दिसम्बर तक किसान अपने धान को उपार्जन केन्द्रों व सोसायटी में लेकर बेच सके। वहीं, दूसरी तरफ किसानो में मौसम को लेकर डर बना हुआ है। आसमान में घने बादल शनिवार से ही छाए हुए है। ऐसे में किसानो को इस बात का अंदेशा है कि धान कटाई के दौरान कहीं बेमौसम बारिश न हो जाए। यदि बारिश होगी तो किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। एक तो मंहगाई की मार से किसान ऐसे ही परेशान है ऊपर से मौसम की दोहरी चिन्ता सताए हुए है।

यहाँ बताना लाजमी होगा कि तीज त्यौहार निपटने के बाद किसानों ने अब खेतों की ओर रूख किया है और धान कटाई के काम में पूरी लगन के साथ जुटे हैं। ऐसे में अधिकांश किसानों की पकी पकाई फसल या तो इस समय खेतो में या फिर खलिहान में रखे हुए है। मौसम की मिजाज को देखते हुए किसानो की माथे पर चिन्ता की लकीरे साफ तौर पर देखी जा रही है। वही, कई ऐसे किसान हैं, जिन्हे अपना फसल को सुरक्षित रखने के लिए स्थानाभाव है और उन्हें मौसम सहित अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

जानकारों की माने तो आने वाले एक-दो दिनों में बारिश का अनुमान है। कसडोल सहित अंचल में ज्यादातार गांवों में धान की कटाई जोर शोर से चल रही है। कुछ किसानों की धान की फसल कटकर खलिहान तक पहुंच गई है, तो वही अधिकांश किसानों की कटी कटाई हुई फसल खेतों में ही पड़ी हुई है। ऐसे में बारिश अधिक हुई तो धान की फसल को नुकसान हो सकता है। किसानों की मेहनत बेकार हो सकती है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *