प्रांतीय वॉच

बदली व बारिश ने मैनपुर क्षेत्र के किसानो की उडाई होश

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  • कट चुके धान की फसलों को पहुंच रहा नुकसान

पुलस्त शर्मा/मैनपुर : धान की कटाई और मिजांई का कार्य मैनपुर क्षेत्र मे युध्द स्तर पर जारी है धान कटाई और मिंजांई के चलते गांव की गलियां सूनी हो गई है मजदूर किसान सुबह से खेत की तरफ रूख करते है और देर शाम को लौट रहे है। मैनपुर क्षेत्र मे इस वर्ष शुरूआती दिनो मे समय पर अच्छी बारिश नही होने के कारण धान की फसल महज 70 से 80 प्रतिशत ही बचा हुआ है और तो और तरह तरह के कीट प्रकोपो ने किसानो को परेशान कर रखा है तो जब अब धान की फसल पक कर तैयार हो गई है और किसान कटाई मिंजाई मे व्यस्त है ऐसे समय मे मौसम की बेरूखी किसानो को परेशानी मे डाल दिया है। किसानो के माथे पर चिंता की लकीरे स्पष्ट दिखाई दे रही है पिछले एक सप्ताह से मैनपुर क्षेत्र मे बदली और हल्की बारिश ने किसानो के मानो होश उडा दिया हो आज रविवार को बदली के बीच किसान जैसे तैसे अपने फसलो को सहेजने मे लगे रहे लेकिन दोपहर बाद हुई रिमझिम बारिश से धान की करपा बीड़ा खरही सब भींग गया जिससे नुकसान की संभावना किसानो द्वारा जतायी जा रही है। धान की बालियांे पर पानी पडते ही बालियाों के खराब व काले हो जाने की संभावना है इसके बाद इन धानो को सहकारी समिति मे बेचना किसानो के लिये टेढी खीर साबित हो जाती है गुणवत्ता के नाम पर किसानो के फसलो को खरीदी केन्द्रो से लौटाया जा सकता है इसके बाद अडतिया और व्यापारी किसानो से औने पौने दामो पर खरीदने को मजबूर होगें। इन दिनों मैनपुर, हरदीभाठा, भाठीगढ़, गोपालपुर, कोदोभाठ, साल्हेभाठ, गौरघाट, देहारगुड़ा, दबनई, गिरहोला, गोबरा, मैनपुरकला, जाड़ापदर, जिडार, कुल्हाड़ीघाट, शोभा, गोना, गौरगांव, कोकड़ी, गरहाडीह, इंदागांव, कोयबा, बरगांव, कुर्रूभाठा, साहेबिनकछार, करलाझर, बरदूला, बोईरगांव, झरियाबाहरा, तौरेंगा, कोदोमाली, भूतबेडा, अड़गड़ी, शुक्लाभाठा आदि ग्रामो मे तेज गति से धान की कटाई और मिंजाई कार्य जारी है अंचल के किसान इन दिनो जोर शोर से धान कटाई मे जुट गये है लेकिन मजदूरो का टोटा होने से किसानो को काफी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है और बदली छा जाने मौसम खराबी के चलते अब जल्द से जल्द किसान अपने पक चुके धान की फसल की कटाई कर मिंजाई कर लेना चाह रहे है। मजदूरो की समस्या के चलते लगातार मजदूरी दर मे वृध्दि हो रही है क्षेत्र मे धान की कटाई खासकर महिलाओं के द्वारा ही कि जाती है क्षेत्र मे हार्वेस्टर व अन्य आधुनिक मशीनो की कमी के चलते आज भी मजदूरो के माध्यम से किसान धान की कटाई करते है एक साथ सभी जगह धान की कटाई और मिंजाई प्रारंभ हो जाने से मजदूरो की समस्या बनी हुई है। किसान नरेन्द्र साहू, सुकदेव पटेल, मुकेश कपिल, पवन दिवान, गणेश ठाकुर, सुन्दर लाल ने बताया कि धान की फसल में तरह तरह के कीट प्रकोप से किसान बहुुत परेशान थे और उसपर से क्षेत्र मे हो रही बारिश धान की धान की बालियां खराब हो रही है बालियां टूट टूट कर गिर रही है जिसे सहेजने में परेशानी उठानी पड़ रही है अगर ऐसे ही बारिश होते रहा तो जो फसल बची हुई वह भी घर नहीं आ पाएगा और किसानो को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। किसानो ने जल्द से जल्द धान उपार्जन केन्द्रो को खोलने की मांग किया है ।

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