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छठ पर्व की छटा: बिलासपुर के अरपा तट पर उमड़ी आस्था की भीड़, उदित होते सूर्य को दिया अर्घ्य

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बिलासपुर : देश के सबसे बड़े छठ घाट में शामिल बिलासपुर के अरपा तट पर सूर्य देव को अर्घ्य देने श्रद्धालुओं और व्रती महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। लोक आस्था के पर्व छठ पर व्रती महिलाओं के साथ परिवार के सदस्य सिर में फल और पूजन सामग्री के लेकर घाट पहुंचे। यहां सामूहिक रूप से एक साथ हजारों हाथों ने सूर्य देव को अर्घ्य देकर मंगल कामना की। अरपा तट पर छठ मइया के भक्तिमय गीतों से आस्था की लहर उठने लगी। व्रतियों ने बुधवार की शाम अस्त होते सूर्य को पहला अर्घ्य दिया। इसके साथ ही दूसरे दिन गुरुवार की सुबह उदीयमान सूर्य देव की पूजा आराधना अर्घ्य देकर व्रत की पारणा की। इस उत्साह, उमंग व भक्तिमय नजारे को ड्रोन कैमरे में कैद किया है। कोरोना की त्रासदी के बाद पहली बार दीपोत्सव के बाद छठ पर्व पर उत्साह व उमंग का माहौल नजर आया। बुधवार को दोपहर से ही छठ पर्व मनाने वाली व्रती महिलाओं के साथ ही परिवार के सदस्य ढोल-तासे व गाजे-बाजे लेकर तोरवा स्थित छठ घाट पहुंचने लगे थे। घाट में अरपा नदी के तट पर पाटली पुत्र विकास मंच व आयोजन समिति ने व्रतियों के लिए खासा इंतजाम किया था। यहां छठ मइया के भक्तिमय गीतों से परिसर गूंज रहा था।

छठ पर्व के दौरान आयोजन समिति की तरफ से तोरवा स्थित छठघाट में विशेष इंतजाम किया गया था। घाट की साफ-सफाई से लेकर व्रती महिलाओं के लिए नदी किनारे बेरीकेट्स लगाए गए थे। इसके साथ ही आयोजन स्थल पर आतिशबाजी की व्यवस्था की गई थी। रंग-बिरंगे पटाखों की लड़ियां आसमान में सतरंगी छटा बिखेर रही थी। इससे छटघाट में दिवाली का नजारा भी देखने को मिला।

छठ पर्व के दौरान 10 व 11 नवंबर राजकिशोरनगर -तोरवा स्थित छठ घाट में हुए आयोजन को देखते हुए जिला व पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे। इसके लिए यातायात व्यवस्था बनाने के लिए परिवर्तित मार्ग की व्यवस्था की गई थी। यहां पार्किंग स्थल पर जवानों की ड्यूटी भी लगाई गई।

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