रायपुर। झीरम घाटी हमले की राज्यपाल को सौंपी गई न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आधी- अधूरी करार दिया है। बघेल ने कहा कि आयोग के सचिव ने इसी सितंबर राज्य सरकार को पत्र लिखकर कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह किया था, क्योंकि जांच पूरी नहीं हुई थी। मुख्यमंत्री ने सवाल किया कि जब सितंबर में जांच पूरी नहीं हुई थी तो नवंबर में रिपोर्ट कैसे सौंप दी गई। उन्होंने कहा कि आयोग का गठन 28 मई 2013 को किया गया था। आयोग को तीन महीने में जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपनी थी, लेकिन अब तक 20 बार कार्यकाल बढ़ाया जा चुका है। सीएम हाउस में सोमवार को मीडिया से चर्चा करते हुए बघेल ने कहा कि इस वर्ष जून में आयोग के सचिव ने राज्य सरकार को पत्र लिखा था। इसमें उन्होंने आयोग को रिपोर्ट पेश करने के लिए अंतिम अवसर देने का आग्रह किया था। इसके आधार पर सरकार ने आयोग का कार्यकाल तीन महीने के लिए बढ़ाया था। इसके बाद सितंबर में फिर से उन्होंने कार्यकाल बढ़ाने के लिए पत्र लिखा। इस बीच जांच आयोग के अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत किशोर मिश्रा का आंध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश के रूप में तबादला हो गया। बघेल ने बताया कि इसे देखते हुए हमने विधि विभाग से इस पूरे मामले में अभिमत मांगा है, क्योंकि अभी जांच पूरी नहीं हुई थी, इसीलिए सचिव ने कार्यकाल बढ़ाने का आग्रह किया था। बघेल ने कहा कि जांच पूरी नहीं हुई है। इस वजह से एक तरफ समय वृद्ध की मांग और दूसरी तरफ रिपोर्ट सौंप दी गई। दोनों में विरोधाभास है। इसलिए मेरी राय में राज्यपाल को सौंपी गई रिपोर्ट आधी-अधूरी है। बता दें कि 25 मई 2013 को बस्तर के झीरम घाटी में नक्सलियों ने कांग्रेस की परिवर्तन यात्रा के काफिले पर हमला किया था। इस घटना में पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, महेंद्र कर्मा, विद्याचरण शुक्ल समेत कई नेताओं की मौत हो गई थी।
राजभवन से नहीं मिली कोई सूचना
बघेल ने आयोग की रिपोर्ट सीधे राज्यपाल को सौपें जाने पर भी आपत्ति की है। उन्होंने कहा कि मान्य परिपाटी यह है कि रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाती है। इसके बाद सरकार अपनी एक्शन टेकन रिपोर्ट के साथ उसे विधानसभा के पटल पर रखती है। पूरे देशभर में यही परंपरा है। उन्होंने कहा कि इसके विपरीत यहां आयोग ने सीधे राज्यपाल को रिपोर्ट सौंप दी है। उन्होंने कहा कि यह जानकारी हमें समाचार पत्रों के माध्यम से मिली है। राजभवन की तरफ से अब तक इस संबंध में कोई जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी गई है।