रायपुर वॉच

झीरम रिपोर्ट का राजनीतिकरण, न्यायालय की अवमानना: अमित

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  • झीरम रिपोर्ट पर JCCJ अध्यक्ष अमित जोगी का बयान
  • शहीदों का सम्मान, विषय की संवेदनशीलता और संवैधानिकता को ध्यान में रखते हुए सयंम और समझदारी बरतने की आवश्यकता- अमित

रायपुर : छत्तीसगढ़, दिनांक 8 नवंबर 2021। जनता काँग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने झीरम रिपोर्ट पर बयान देते हुए कहा आँध्र प्रदेश के मुख्य न्यायाधीश श्री प्रशांत मिश्रा ने झीरम रिपोर्ट तैयार की है, छत्तीसगढ़ के इतिहास के अब तक के सबसे वरिष्ठ न्यायिक अधिकारी होने के नाते उन्होंने संभवतः माननीय सर्वोच्च न्यायालय की 9-सदस्यीय संवैधानिक पीठ के स्टेट ऑफ कर्नाटक विरुद्ध यूनियन ऑफ इंडिया और अन्य (1977 SCC (4) 608) में पारित बहुमत निर्णय कि अगर किसी न्यायिक जाँच रिपोर्ट में राज्य सरकार के किसी मंत्री का उल्लेख आता है अथवा उस से निष्पक्ष कार्यवाही की उम्मीद नहीं की जा सकती, तो अनुच्छेद 164 में परिभाषित सामूहिक ज़िम्मेदारी के सिद्धांत को ध्यान में रखते हुए उसे मंत्रीमंडल अथवा राज्य सरकार के प्रमुख के स्थान पर राज्य के प्रमुख राज्यपाल अथवा राष्ट्रपति को सौंपना न्यायसंगत होगा का पालन करते हुए, अपनी रिपोर्ट महामहिम राज्यपाल को विधिवत सौंपी है।

ऐसे में जब तक महामहिम राज्यपाल रिपोर्ट का परीक्षण कर कोई निर्णय नहीं पर नहीं पहुँचतीं हैं, तब तक उस पर किसी भी प्रकार की राजनीति करना माननीय न्यायालय की अवमानना होगी। संभवतः क़ानून की इस अज्ञानता के कारण झीरम रिपोर्ट का राजनीतिकरण अत्यंत की दुःखद और दुर्भाग्यपूर्ण है। मेरा सभी से विनम्रतापूर्वक आग्रह है विषय की संवेदनशीलता और संवैधानिकता और शहीदों के सम्मान को ध्यान में रखते हुए सभी को संयम और समझदारी बरतनी चाहिए।

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