रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश की राज्यपाल सुश्री अनुसुइया उईके पर प्रदेश सरकार के संशोधन विधेयकों को रोके रखे जाने का आरोप लगाए जाने पर तीखा हमला बोला है। श्री कौशिक ने कहा कि मुख्यमंत्री बघेल ने यह प्रलाप करके न केवल संवैधानिक मर्यादा और राज्यपाल पद की गरिमा का अपमान किया है, बल्कि प्रदेश सरकार के नाकारापन से उपजी राजनीतिक कुण्ठा का प्रदर्शन किया है।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि किसानों के साथ लगातार नाइंसाफ़ी करती आ रही जिस कृषि संशोधन विधेयक को रोककर रखे जाने का आरोप राज्यपाल पर लगाया गया है, वह मुख्यमंत्री के सत्तावादी अहंकार से प्रेरित अमर्यादित राजनीतिक आचरण है। राज्यपाल को किसी भी विधेयक पर गंभीर विचार मंथन और व्यापक विमर्श करने का संवैधानिक अधिकार है और उनके संवैधानिक अधिकार को इस तरह के ओछे राजनीतिक आरोप लगाकर चुनौती देना मुख्यमंत्री बघेल को क़तई शोभा नहीं देता। श्री कौशिक ने कहा कि दरअसल कांग्रेस के राजनीतिक डीएनए में लोकतांत्रिक, संवैधानिक व न्यायिक संस्थाओं तथा पद की गरिमा का सम्मान करने का संस्कार ही नहीं है, और मुख्यमंत्री बघेल व प्रदेश कांग्रेस के नेता गाहे-बगाहे राज्यपाल पर ऐसी अनर्गल राजनीतिक टिप्पणियाँ करके कांग्रेस के इसी डीएनए की तस्दीक़ करते रहते हैं।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि बदलापुर के अपने राजनीतिक एजेंडे पर चल रही प्रदेश सरकार ने सत्ता सम्हालते ही जिस तरह अपनी बदनीयती, कुनीतियों और कन्फ़्यूज़्ड नेतृत्व के चलते जैसे मनमाने फैसले लिए और तमाम मर्यादाओं व परम्पराओं को ताक पर रखा, उससे कांग्रेस में जड़ जमाए बैठी वन मैन शो की अधिनायकवादी-प्रवृत्ति से पोषित कांग्रेस का राजनीतिक चरित्र सामने आता है। श्री कौशिक ने कहा कि पूरी कांग्रेस इसी राजनीतिक चरित्र की प्रतीक बनी हुई है और अपने इसी चरित्र का परिचय वह छत्तीसगढ़ में राज्यपाल पद की तौहीन करके भी दे रही है। पत्रकारिता विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक लाकर प्रदेश सरकार ने कुलपति चयन के राज्यपाल के अधिकार को छीनने की नीयत से पारित कराया था।
नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि झीरम कांड का जाँच प्रतिवेदन न्यायिक आयोग द्वारा प्रदेश की राज्यपाल को सीधे सौंपे जाने से सत्ता के मद में आकंठ डूबी प्रदेश सरकार और कांग्रेस विचलित है और इसी बौखलाहट का प्रदर्शन कांग्रेस नेता कर रहे हैं और मुख्यमंत्री बघेल जाँच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने की संवैधानिक व्यवस्था के चलते सीधे तौर पर कुछ कहने की स्थिति में नहीं रहे तो संशोधन विधेयक की आड़ लेकर अपनी राजनीतिक कुंठा का परिचय दे रहे हैं। श्री कौशिक ने कहा कि कांग्रेस के नेता और प्रदेश सरकार राज्यपाल के पद को अपने निकृष्ट राजनीतिक आरोपों से लांछित करने की शर्मनाक हरक़तें कर रहे हैं, उससे उन्हें बाज आना चाहिए।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्रीवास्तव ने कहा- अपराधियों के हौसले तो इतने बुलंद हो गए हैं कि प्रदेश के अनेक ज़िलों में क़ानून के रखवाले कहे जाने वाले पुलिसकर्मियों तक की जान साँसत में है
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने क़ानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और लगातार बढ़ते जा रहे अपराधों को लेकर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि कांग्रेस का शासनकाल प्रदेश में गुण्डा-राज का पर्याय बन चुका है, जहाँ सत्ता और राजनीतिक संरक्षण में नित्य आपराधिक वारदातें हो रही हैं। प्रदेश संगठित अपराधों के चलते दहशत के साए में साँसे लेने मज़बूर है और प्रदेस सरकार नागरिक सुरक्षा के नाम पर सिर्फ़ जुबानी जुमलेबाजी में मशगूल है।
भाजपा प्रदेश प्रवक्ता श्री श्रीवास्तव ने 2 दिनों में राजधानी रायपुर व सूरजपुर में दोहरे हत्याकांड,सरगुजा में दिल्ली की महिला की हत्या समेत प्रदेश के अन्य स्थानों पर हुई लगातार आपराधिक वारदातों को लिए प्रदेश सरकार के निकम्मेपन पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सरकार और क़ानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज ही नहीं रह गई है और अब यहाँ न केवल सामान्यजन, अपितु क़ानून के रखवाले तक महफ़ूज़ नहीं रह गए हैं। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि इस सरकार के राज में तो अपराधियों के हौसले तो इतने बुलंद हो गए हैं कि प्रदेश के महासमुंद जांजगीर-चांपा और बलोदा बाजार मैं अपराधियों ने पुलिस वालों तक को नहीं बख्शा। इससे ज़िलों में क़ानून के रखवाले कहे जाने वाले पुलिसकर्मियों तक की जान साँसत में है। ये वारदातें प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली के निकम्मेपन और क़ानून-व्यवस्था के प्रति उसके ग़ैर-ज़िम्मेदाराना रवैए की द्योतक हैं। स्मार्ट पुलिसिंग के दावे करती प्रदेश सरकार को इस बात की क़तई चिंता नहीं है कि उसकी नाक के नीचे चोरी, लूट, हत्या, चाकूबाजी, बलात्कार आदि तमाम अपराध रोज घट रहे हैं और सत्ता व राजनीतिक संरक्षण की धौंस दिखाकर पुलिस का मनोबल तोड़ा जा रहा है। श्री श्रीवास्तव ने कहा कि जब पुलिस राजनीतिक दबाव में रहेगी, अपराधियों के सरेआम हमलों से पुलिस के लोग अपनी जान बचाकर भागने के लिए विवश होंगे तो अपराधों पर अंकुश कैसे लग सकता है? प्रदेश सरकार सत्तालोलुपता में मशगूल होने के बजाय प्रदेश के नागरिकों सुरक्षित व सम्मानपूर्वक जीवन के अवसर मुहैया कराने पर ध्यान केंद्रित करे।