मेघालय : गवर्नर सत्यपाल मलिक ने सरकार से प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगों को पूरा करने का आग्रह किया. राजस्थान के झुंझुनू जिले में एक कार्यक्रम से इतर स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए सत्यपाल मलिक कहा, ‘अगर किसानों की मांगें पूरी नहीं की गईं, तो यह सरकार सत्ता में नहीं लौटेगी.’ गौरतलब है कि दिल्ली की सीमाओं पर किसान महीनों से तीन कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. गवर्नर ने कहा कि बीजेपी नेता अब चुनाव वाले उत्तर प्रदेश के कई गांवों में प्रवेश भी नहीं कर सकते हैं. उन्होंने रिपोटर्स ने कहा, ‘मैं मेरठ से हूं. मेरे क्षेत्र में कोई भी बीजेपी नेता किसी गांव में प्रवेश नहीं कर सकता है. मेरठ में, मुजफ्फरनगर में, बागपत में, वे प्रवेश नहीं कर सकते.’ जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह किसानों के साथ खड़े होने के लिए अपना पद छोड़ देंगे. इस पर उन्होंने कहा, वह किसानों के साथ खड़े हैं और वर्तमान में अपने पद को छोड़ने की कोई जरूरत नहीं है. लेकिन जरूरत पड़ने पर वह ऐसा भी करेंगे.
किसानों के लिए पीएम और गृह मंत्री से की बात: मलिक
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के जाट नेता सत्यपाल मलिक ने कहा, उन्होंने किसानों के विरोध के मुद्दे पर कई लोगों के साथ लड़ाई लड़ी है. मलिक ने कहा, ‘उनके लिए मैंने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, सभी से झगड़ा किया है. मैंने सभी से कहा है कि आप गलत कर रहे हैं, ऐसा मत कीजिए.’ उन्होंने कहा, ‘अगर सरकार कानूनी रूप से MSP की गारंटी देती है, तो इसका समाधान हो जाएगा. किसान तीन कानूनों के मुद्दे को इसलिए छोड़ सकते हैं क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है. केवल एक ही चीज है, आप वह भी नहीं कर रहे हैं. बिना एमएसपी के कुछ नहीं होगा.’
किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं गवर्नर
मेघालय के गवर्नर ने कहा कि वह सार्वजनिक रूप से प्रधानमंत्री को कोई संदेश नहीं देंगे, लेकिन व्यक्तिगत रूप से अपनी राय देंगे. मलिक ने कहा, ‘खास तौर से, सिखों के बारे में ये लोग नहीं जानते. निहत्थे गुरुओं ने मुगल बादशाह से लड़ाई लड़ी है. तो उनको तंग नहीं करना चाहिए.’ उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि अगर सरकार उनसे पूछे तो वह केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता करने को तैयार हैं.
उन्होंने कहा, ‘एक बात है, जो इसका समाधान करेगी. आप MSP की गारंटी दीजिए, मैं किसानों को समझाऊंगा कि तीन कानून ठंडे बस्ते में हैं, अब के लिए छोड़िए.’ गवर्नर ने रेखांकित किया, ‘उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी मिलनी चाहिए. अगर ये नहीं है तो वे बर्बाद हो जाएंगे. इससे कम पर वे कोई समझौता नहीं करेंगे.’ किसान एक साल से अधिक समय से तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर में हो रही हत्याओं को लेकर ये बोले मलिक
वहीं, जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में हुई स्थानीय नागरिकों की हत्याओं को लेकर भी सत्यपाल मलिक ने बात की. उन्होंने कहा कि जब वह गवर्नर थे, तो आतंकवादियों ने श्रीनगर के 50 किलोमीटर के दायरे में प्रवेश करने की हिम्मत नहीं की. उन्होंने कहा, ‘जब था, तब कुछ नहीं हो रहा था, न पत्थरबाजी हो रही थी, ना ही भर्ती (आतंकी भर्ती) हो रही थी. न किसी की मौत हो रही थी. आतंकी श्रीनगर के 50 किलोमीटर के दायरे में घुसने की हिम्मत नहीं करते थे. अब वो शहर में खुलेआम लोगों को मार रहे हैं.’