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भाजपा का सवाल : प्रदेश में अगर ख़ुशहाली है तो बघेल बताएँ, रोज़ हज़ारों लोग पलायन क्यों कर रहे?

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  •  नेता प्रतिपक्ष कौशिक का प्रदेश सरकार पर तीखा हमला- तमाम योजनाएँ सियासी नौटंकियों की भेंट चढ़कर दम तोड़ चुकी हैं और बघेल को झूठी शान बघारने और झूठा श्रेय बटोरने से ही फ़ुर्सत नहीं

रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रदेश से लगातार हो रहे पलायन को लेकर प्रदेश सरकार के रोज़गार मुहैया कराने के दावों के खोखलेपन पर तीखा हमला बोला है। श्री कौशिक ने कहा कि पलायन के आँकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं कि प्रदेश सरकार की गौठान, गौधन समेत तमाम योजनाएँ सियासी नौटंकियों की भेंट चढ़कर दम तोड़ चुकी हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देशभर में घूम-घूमकर अपनी झूठी शान बघारने और झूठा श्रेय बटोरने से ही फ़ुर्सत नहीं है।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश में 05 लाख नए रोज़गार स्वीकृत करने की बात कहकर अपने मुँह मियाँ मिठ्ठू बनने की चेष्टा की थी, लेकिन मुख्यमंत्री के दावे ज़मीनी तौर पर खोखले ही रहे। केंद्र सरकार के कामों को अपना बताने वाले मुख्यमंत्री बघेल ने रोज़गार के जितने दावे किए थे, वह मनरेगा योजना भी केंद्र सरकार की राशि से संचालित हो रही है। श्री कौशिक ने कहा कि प्रदेश सरकार सरकारी भर्तियों पर कुंडली मारे बैठी है, शिक्षित बेरोज़गार चयनित होने के बाद भी पिछले पौने तीन साल से अपनी नियुक्ति का आदेश पाने आंदोलन के लिए बाध्य हो रहे हैं और शिक्षित बेरोज़गार वादे के बावज़ूद बेरोज़गारी भत्ते की पाई-पाई के मोहताज हैं। श्री कौशिक ने कहा कि रोज़गार के मोर्चे पर पूरी तरह निकम्मी साबित हो चुकी कांग्रेस की प्रदेश सरकार के शासनकाल में अब पलायन के बढ़ते आँकड़ों पर इस प्रदेश सरकार को शर्म महसूस होनी चाहिए। प्रदेश में बढ़ते पलायन को प्रदेश सरकार ने विधानसभा में आँकड़ों सहित स्वीकार किया है। सोमवार को बिलासपुर के रेल्वे स्टेशन पर हज़ारों की संख्या में पलायन कर रहे लोगों की अख़बारों में छपीं तस्वीरें भी यही सच बयाँ कर रही हैं।

नेता प्रतिपक्ष श्री कौशिक ने कहा कि पलायन को लेकर प्रदेश सरकार शुतुरमुर्ग-सा आचरण प्रस्तुत कर रही है और पलायन को स्वीकार ही नहीं करके प्रदेश में उन तमाम श्रनिकों-मज़दूरों के पंजीयन की कोई व्यवस्था तक नहीं की है, जो आजीविका के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर अन्य प्रदेशों में जा रहे हैं। श्री कौशिक ने कहा कि इसका सबसे बड़ा दुष्परिणाम कोरोना काल में तब सामने आया था, जब विभिन्न प्रदेशों से वापस श्रमिक-मज़दूर लौटे थे, और अब प्रदेश सरकार की तुग़लक़शाही के चलते पलायन कर रहे लोगों का पंजीयन नहीं होने के कारण आज वे पुणे समेत देश के दक्षिणी व अन्य राज्यों में बंधक बनकर रह गए हैं। श्री कौशिक ने कहा कि पलायन के इस क्रूर सत्य के सामने आने के बाद भी प्रदेश सरकार आख़िर किस आधार पर प्रदेश में ख़ुशहाली के दावे कर रही है? मुख्यमंत्री बघेल प्रदेश को इस बात का ज़वाब दें कि अगर उनके शासनकाल में प्रदेश में ख़ुशहाली आई है तो फिर रोज़ हज़ारों की संख्या में लोग छत्तीसगढ़ से पलायन क्यों कर रहे हैं?

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