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श्रीराम जन्मोत्सव समिति की गतिविधियाँ अब दुर्ग जिला में भी होगी संचालित

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  • काशीनाथ बनाए गए जिलाध्यक्ष, महावीर महामंत्री व जीत को सौंपा गया युवा विंग अध्यक्ष का दायित्व

तापस सन्याल/दुर्ग। धार्मिक एवं रचनात्मक संगठन श्रीराम जन्मोत्सव समिति भिलाई की गतिविधियाँ अब दुर्ग जिले में भी संचालित होगी। जिसके लिए समिति ने अपने स्थापना के 36 वर्षों बाद दुर्ग जिला ईकाई का गठन किया है। जिसके जिलाध्यक्ष काशीनाथ शर्मा बनाए गए है, वहीं महामंत्री महावीर लोढ़ा और युवा विंग के अध्यक्ष का दायित्व पूर्व केबिनेट मंत्री स्व. हेमचंद यादव के  पुत्र जीत यादव को सौंपा गया है। यह घोषणा श्रीराम जन्मोत्सव  समिति के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश माने ने गुरूवार को की। इस दौरान प्रांतीय महामंत्री बुधन ठाकुर,भिलाई युवा विंग अध्यक्ष मनीष प्रेमप्रकाश पांडेय, भिलाई महिला विंग अध्यक्ष मंजू दुबे भी मौजूद थी। श्रीराम जन्मोत्सव समिति दुर्ग जिला ईकाई की घोषणा उपरांत  भिलाई युवा विंग के अध्यक्ष मनीष प्रेमप्रकाश पांडेय ने मीडिया से चर्चा में कहा कि समिति की स्थापना सन् 1986 में धार्मिक, सामाजिक व रचनात्मक कार्यों को मूर्तरूप देेने के उद्देश्य से किया गया था। श्रीराम नवमीं पर पहली शोभायात्रा की शुरूवात खुर्सीपार भिलाई मंदिर से की गई थी। जिसका विस्तार होते-होते अब 11 सौ मंदिरों से शोभायात्रा निकाली जाती है। धार्मिक कार्यक्रमों के अलावा समिति द्वारा समाज सेवा से जुड़े कार्य भी किए गए है। जिनमें 2017-18 में डेंगू प्रकोप के दौरान पीडि़तों को 11 सौ बोतल ब्लड की व्यवस्था, कोरोना काल में जरूरतमंदो को भोजन व सुखा अनाज का वितरण, गौवंशो को आहार उपलब्ध करवा कर सेवा,पर्यावरण संरक्षण की दृष्टि से वृक्षारोपण,भिलाई टाउनशीप वासियों को प्रदुषित पेयजल से राहत एवं अन्य कार्य शामिल है। श्री पांडेय ने कहा कि श्रीराम जन्मोत्सव समिति पुरी तरह गैर राजनीतिक संगठन है। इसमें जुडऩे वाला कोई भी राजनीतिक संगठन व गुट का सदस्य हो सकता है,क्योंकि राम मंदिर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिसे लेकर लोगो में उत्साह है। उनका यही उत्साह उन्हे समिति से जुडऩे के लिए प्रेरित कर रहा है। श्री पांडेय ने कवर्धा जिले में पैदा हुए तनाव पर कहा कि श्रीराम जन्मोत्सव समिति घटना पर नजर बना कर रखी हुई है। भगवा ध्वज को फेंका जाना दुर्भाग्यजनक है। समय पर अगर राज्य सरकार व जिला प्रशासन द्वारा घटना को रोकने ठोस कदम उठाया गया होता, तो कवर्धा में तनाव के हालात निर्मित नही होते। राज्य सरकार व जिला प्रशासन घटना को रोकने में पुरी तरह विफल रही है। जो निंदनीय है। मीडिया से चर्चा के दौरान अरविंदर सिंह खुराना,प्रदीप वर्मा,विष्णु पाठक,विनोद सिंह, रोहित तिवारी,सुखदेव सिंह, प्रिंस कब्बरवाल भी मौजूद थे।

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