- गरीबी इतनी कि शरीर ढंकने के लिए कपड़े भी नहीं
आफ़ताब आलम/बलरामपुर : बलरामपुर रामानुजगंज जिले में सरकार प्रशासन के तरफ से तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन वास्तविक धरातल पर ये सभी झूठे दिखाई पड़ते हैं कम उम्र में ही जिम्मेदारियों का बोझ ऊंचे सपने देखने कि उड़ान को रोक दे रहा है सड़कों पर भीख मांगते कूड़ा कचरा चुनते हुए या फुटपाथ पर गंदे कपड़े पहने हुए बच्चे अक्सर नजर आ जाते हैं।
महिला एवं बाल विकास विभाग भी सिर्फ नाम का विभाग है यह विभाग पुर्ण रूप से निष्क्रिय साबित हो रहा है जिला प्रशासन चाहे लाख दावे करे लेकिन आज भी ऐसे सैंकड़ों हजारों बच्चे हैं जो अपनी मजबूरी के कारण कभी स्कूल नहीं जा रहे हैं ऐसे बच्चों के पास अपने शरीर को ढंकने कपड़े तक नहीं हैं। अगर सरकार प्रशासन एवं समाज के लोग ऐसे गरीब जरूरतमंद बच्चों के लिए काम करें तो उनका भविष्य अच्छा हो सकता है।